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भारत की RAW पर लगे प्रतिबंध, अमेरिकी आयोग की ट्रंप सरकार से सिफारिश

धार्मिक आजादी पर बने अमेरिकी आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। ऐसे में जानते हैं कि इस रिपोर्ट में भारत को लेकर क्या-क्या कहा गया है और RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश क्यों की गई है?

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: Canva)

क्या अमेरिका की सरकार भारत की जासूसी एजेंसी RAW पर प्रतिबंध लगा देगी? सवाल इसलिए क्योंकि यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। USCIRF ने यह सिफारिश अपनी सालाना रिपोर्ट में की है। 


इस रिपोर्ट में भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा बर्ताव होने का आरोप भी लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघन के लिए अमेरिकी सरकार को भारत को 'कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न' की कैटेगरी में डालना चाहिए।

 

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भारत को लेकर रिपोर्ट में क्या कहा गया?

USCIRF हर साल धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर रिपोर्ट जारी करता है। मंगलवार को ही 2025 की रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि '2024 में भी भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव जारी रहा। जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं ने मुस्लिम समेत कई धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर भड़काने वाले भाषण दिए, जिससे देशभर में अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हो गए।'


इसमें आरोप लगाते हुए कहा गया है, 'सालभर दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया। जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की। इस दौरान 6 राज्यों में अल्पसंख्यकों पर हमले हुए। धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाए गए।'


रिपोर्ट में आगे दावा किया गया, 'धर्मांतरण और गोहत्या के खिलाफ कानून लाकर भी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। जुलाई में उत्तर प्रदेश की सरकार ने 4 पादरियों समेत 20 ईसाइयों को धर्मांतरण विरोधी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। इसी साल हाईकोर्ट ने 12 मुस्लिमों को जबरन धर्मांतरण करवाने का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को कानून बनाया गया।'


अमेरिकी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े लोगों के खिलाफ UAPA का इस्तेमाल किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाले लोग और एनजीओ पर FCRA के तहत कार्रवाई की जा रही है।

 

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RAW को लेकर क्या सिफारिश?

USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में भारत की जासूसी एजेंसी RAW पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। RAW के साथ-साथ विकास यादव पर भी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश इस रिपोर्ट में की गई है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि RAW और विकास यादव पर प्रतिबंध लगाया जाए और अमेरिका में इनकी संपत्ति करने के साथ-साथ एंट्री पर रोक लगाई जाए।

 

 

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RAW पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश क्यों?

ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी सरकार ने खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप RAW पर लगाया था। पन्नू अमेरिकी नागरिक है। नवंबर 2023 में फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिकी नागरिक पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे नाकाम कर दिया गया।


इस रिपोर्ट के बाद उसी साल अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने न्यूयॉर्क की कोर्ट में एक इनडाइटमेंट दाखिल किया था। इसमें आरोप लगाया था कि भारत ने पन्नू की हत्या की साजिश रची। आरोप लगाया कि पन्नू की हत्या की पूरी प्लानिंग जिसने रची थी, वह RAW का एजेंट था। आरोप यह भी लगाया गया था कि पन्नू की हत्या के पूरे ऑपरेशन को RAW चीफ सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी।


डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने अपने मुकदमे में आरोप लगाया था कि भारतीय अधिकारियों ने निखिल गुप्ता को एक लाख डॉलर दिए थे और उसे पन्नू की हत्या की सुपारी दी थी। निखिल गुप्ता को जून 2023 में चेक रिपब्लिक में ड्रग्स तस्करी के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था और उसी साल अमेरिका में प्रत्यर्पित कर दिया गया था। पन्नू की हत्या की कथित साजिश को लेकर पिछले साल न्यूयॉर्क की कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को भी समन जारी किया था।

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