डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापस लौटने की संभावना लगभग तय मानी जा रही है। ऐसे में कई लोगों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि ट्रंप के सत्ता में वापस लौटने से भारत-अमेरिका संबंधों पर क्या असर पड़ेगा? वैसे इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि ट्रंप की आर्थिक नीतियां हमेशा से 'अमेरिका फर्स्ट' पर केंद्रित है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत को लेकर उनकी नीतियों में कोई बदलाव आएगा?
पीएम मोदी अच्छे मित्र
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की ट्रंप ने समय-समय पर अपने 'अच्छे मित्र' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया है। वहीं, बहुमत का आकंड़ा पार कर चुके ट्रंप को पीएम मोदी की ओर से बधाई संदेश भी मिल चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मित्र ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर बधाई दी।
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा 'मेरे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव में ऐतिहासिक जीत पर दिल से बधाई देते हैं। जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं। मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नए मुकाम तक पहुंचाने के लिए उत्सुक हूं। आइए मिलकर अपने लोगों की भलाई के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं।'
जब ट्रंप ने की थी पीएम मोदी की तारीफ
बता दें कि पिछले सप्ताह चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने हिंदू मतदाताओं से बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। एक्स पर एक पोस्ट में ट्रंप ने भारत और पीएम मोदी के प्रति आभार भी जताया था।
कैसे रहेंगे भारत-अमेरिका के रिश्ते?
व्यापार नीतियों पर ट्रंप प्रशासन अमेरिका-केंद्रित नीतियों को प्राथमिकता देगा। इससे भारत पर टैरिफ कम करने और निर्यात नीतियों में बदलाव करने का दबाव पड़ सकता है। पिछले महीने, ट्रंप ने दावा किया था कि नई दिल्ली विदेशी उत्पादों पर सबसे अधिक टैरिफ लगाती है। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स ने भविष्यवाणी की थी कि अगर ट्रंप ने टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव जारी किया तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा अगर ट्रंप चीनी उत्पादों पर 60% और अन्य पर 20% टैरिफ लगाते हैं तो 2028 तक जीडीपी में 0.1% की कमी आएगी।
H-1B वीजा पर क्या पड़ेगा असर?
हर साल अमेरिका जाने का सपना देखने वाले भारतीय कर्मचारियों के लिए H1-B वीजा बहुत मायने रखता है। ट्रंप के सत्ता में आने पर लोग ये सोच रहे हैं कि अगर वह राष्ट्रपति चुने गए तो 85,000 H1-B वीजा के वार्षिक आवंटन का क्या होगा? बता दें कि ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोसेस को लेकर आपत्ति जताई थी और इसे अमेरिकी कर्मचारियों के लिए अनुचित बताया था। संभावना है कि वे एच-1बी वीजा में बदलाव कर सकते हैं।