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आंद्रे गीम: जिस वैज्ञानिक ने जीता नोबल, नीदरलैंड ने छीनी उसकी नागरिकता

नीदरलैंड में अब दोहरी नागरिकता पर नियम सख्त हैं। नागरिकता तक छीनी जा सकती है। कैसे आंद्रे गीम ने गंवाई नागरिकता, पूरी कहानी जानिए।

Andre Geim

नोबल पुरस्कार लेते आंद्रे गीम। (Photo Credit: www.nobelprize.org)

आंद्रे गीम को दुनिया एक अरसे तक नोबल पुरस्कार विजेता डच भौतिक विज्ञानी के तौर पर जानती थी लेकिन अब उनकी पहचान बदल गई है। नीदरलैंड की सरकार ने ऐलान किया है कि वह अब डच नागरिक नहीं है। वैज्ञानिक आंद्रे गीम को हाल ही में पता चला कि वे अब नीदरलैंड के नागरिक नहीं हैं। 13 साल पहले उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता ली थी, जिससे उन्हें ब्रिटेन में सर की उपाधि मिल सके। 'सर' की उपाधि पर उनकी नागरिकता तक चली गई।

आंद्रे गीम अपनी नागरिकता रद्द होने से बेहद नाराज हैं। उनका जन्म 1958 में रूस में हुआ था। 1990 के दशक में नीदरलैंड में रहते हुए उन्होंने वहां की नागरिकता ली। उन्होंने नीदरलैंड के रैडबाउड विश्वविद्यालय में पढ़ाया। उन्होंने 'ग्रेफीन' पर शोध किया, जिसके लिए साल 2010 में नोबल पुरस्कार मिला। 

ग्रेफीन एक पतली, मजबूत और हल्की संरचना है, जो कार्बन परमाणुओं की एकल परत से बनी होती है। यह बिजली और गर्मी के लिए कंडक्टर की तरह इस्तेमाल हो सकती है। गेफ्रीन की खोज 2004 में वैज्ञानिकों आंद्रे गीम और कॉन्स्टेंटिन नोवोसेलोव ने की थी। इसे ग्रेफाइट से निकाला जाता है। उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की है।

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जिस वैज्ञानिक पर इतराता था नीदरलैंड, उन्हीं की छीन ली नागरिकता

नीदरलैंड ने उन्हें अपने देश का गौरव मानते हुए कई सम्मान दिए। जब आंद्रे गीम ने 2001 में ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में काम शुरू किया और ब्रिटिश नागरिकता ली तो नीदरलैंड के सख्त नागरिकता नियमों के कारण उनकी डच नागरिकता छिन गई। 

क्यों गई आंद्रे गीम की नागरिकता?

नीदरलैंड में नियम है कि अगर कोई स्वेच्छा से दूसरी नागरिकता लेता है तो उसकी डच नागरिकता रद्द हो सकती है। 2001 में गीम ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में काम करने चले गए। वहां उन्हें ब्रिटिश नाइटहुड मिला, जिसके लिए उन्हें ब्रिटिश नागरिकता लेनी पड़ी। केवल ब्रिटिश नागरिक ही 'सर' की उपाधि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

नीदरलैंड में दोहरी नागरिकता पर सख्त नियम हैं। अगर कोई स्वेच्छा से दूसरी नागरिकता लेता है तो उसकी डच नागरिकता अपने आप खत्म हो सकती है। गीम को इस नियम की जानकारी नहीं थी। जब उन्हें बताया गया कि उनकी डच नागरिकता खत्म हो चुकी है तो वह हैरान रह गए। अब उन्हें अपना पासपोर्ट लंदन में नीदरलैंड दूतावास में जमा करना होगा।

 

नागरिकता नियम पर आंद्रे गीम ने क्या कहा?

आंद्रे गीम ने कहा, 'मैं खुद को डच-ब्रिटिश नोबेल विजेता मानता हूं। नीदरलैंड मेरे दिल के बहुत करीब है। अगर मुझे पहले पता होता कि ब्रिटिश नागरिकता लेने से मेरी डच नागरिकता जाएगी, तो शायद मैं ब्रिटिश सम्मान को ठुकरा देता।'

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कानूनी लड़ाई लड़ी, हजारों पाऊंड खर्च किए, फिर भी नहीं मिली नागरिकता

आंद्रे गीम ने अपनी नागरिकता बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी, हजारों पाउंड खर्च किए लेकिन नीदरलैंड सरकार नहीं मानी। आंद्रे गीम का कहना है कि वह यूरोपीय के तौर पर अपनी पहचान देखते हैं। यह घटना उनके लिए दुखद है।  

'सर' की उपाधि के लिए ब्रिटेन में शर्तें क्या हैं

यूनाइटेड किंगडम में 'सर' की उपाधि नाइटहुड के बाद मिलती है। यह पुरस्कार किसी व्यक्ति के समाज, विज्ञान, कला और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में असाधारण प्रदर्शन पर मिलता है। इसके लिए ब्रिटिश ऑनर सिस्टम के तहत लोगों को नॉमिनेट किया जाता है। सरकार और सम्राट इसका अनुमोदन करते हैं। आमतौर पर यह उपाधि ब्रिटिश राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों को मिलती है। गैर-राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों को 'ऑनरेरी नाइटहुड' दी जा सकती है, लेकिन वे 'सर' का उपयोग नहीं कर सकते। सर की उपाधि हासिल करने की वजह से आंद्रे गीम की नागरिकता तक चली गई। 

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