दुनियाभर के तमाम देशों में 25 नवंबर को इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वुमन मनाया जाता है। इस मौके पर कई शहरों में प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है। ऐसा ही एक प्रदर्शन फ्रांस के पेरिस शहर में हुआ और अब वह चर्चा का कारण बन गया है। इस प्रदर्शन में आई महिलाओं ने अपनी बात रखने के लिए जो तरीका अपनाया वही अब बहस की वजह बन गया है। अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कई भाषाओं में अपने सीने पर नारे लिखे थे और सबके सामने वे टॉपलेस हो गईं। अब उनके टॉपलेस होने के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इस प्रदर्शन में एक और अहम बात देखी गई कि कुर्दिश महिलाओं के मशहूर नारे 'जिन जियान आजादी' का इस्तेमाल किया गया लेकिन कई अन्य भाषाओं में लिखा गया था।
पेरिस की सड़कों पर हुआ यह प्रदर्शन मशहूर नारीवादी ग्रुप FEMEN की अगुवाई में हुआ। इसमें लगभग 100 महिलाएं शामिल हुईं जिन्होंने नारे लगाते हुए अपने टॉप उतार दिए। इन महिलाओं के सीने पर अंग्रेजी, उर्दू, अरबी और कई अन्य भाषाओं में नारे लिखे हुए थे। मुख्य नारा 'जिन जियान आजादी' था, जिसका मतलब 'महिला, जीवन, आजादी' होता है। यह नारा कुर्दिश फ्रीडम मूवमेंट से जुड़ा हुआ है लेकिन यहां पर इसे कई भाषाओं में इस्तेमाल किया गया। इस प्रदर्शन का मकसद दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार और दमन के खिलाफ आवाज उठाना है। हाल ही में इसी अंदाज में कपड़े उतारकर प्रदर्शन करने वाली एक कुर्दिश महिला भी चर्चा में आई थी, जिसे बाद में हिरासत में ले लिया गया था।
'जिन, जियान, आजादी'
यह नारा कुर्दिश महिलाओं के संघर्ष की पहचान बन गया है। सीरिया और तुर्की जैसे देशों में कुर्दिश महिलाएं लंबे समय से अपने हक के लिए आवाज उठा रही हैं और उनके दमन के भी कई मामले सामने आए हैं। हालांकि, पेरिस में हुए प्रदर्शन में लिखे गए नारों में कुर्दिश भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया था। कुर्दिश लोगों ने इसका विरोध भी किया है।
क्या है FEMEN?
यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का समूह है जो अलग-अलग देशों में महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाता रहा है। अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यह ग्रुप लिखता है कि उसका मुख्य हथियार 'खुले ब्रेस्ट' हैं। इसके प्रदर्शनों में भी देखा जाता है कि महिलाएं टॉपलेस होकर आती हैं और अपने ब्रेस्ट पर नारे लिखती हैं। पूर्व में भी कई देशों में महिला अधिकारों के लिए इस ग्रुप की महिलाएं इसी तरह से प्रदर्शन कर चुकी हैं। अपने इस तरीके की वजह से यह ग्रुप कई बार आलोचनाओं का भी शिकार होता रहा है। हालांकि, आलोचनाओं को नजरअंदाज करते हुए यह ग्रुप इसी तरीके से प्रदर्शन कर रहा है। इसका उद्देश्य पितृसत्ता के खिलाफ पूरी तरह से जीत हासिल करना है।
कुर्दिश महिलाओं का आंदोलन
लगभग 3 दशकों से अपने हक के लिए लड़ रही महिलाओं का एक ग्रुप कुर्दिश वुमन मूवमेंट के नाम से जाना जाता है। सीरिया जैसे देश जहां कि महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है, वहां पर यह ग्रुप पितृसत्ता के खिलाफ लड़ रहा है। यह संगठन एक तरह सीरिया, ईरान, इराक और तुर्की में कुर्दिस्तान की जंग भी लड़ रहा है जो कि महिलाओं के साथ-साथ पूरे कुर्द समाज की मांग भी उठाता रहता है। इस संगठन ने महिला अधिकारों के लिए ISIS जैसे खूंखार संगठनों के खिलाफ भी आवाज उठाई है।