• DAMASCUS 08 Dec 2024, (अपडेटेड 08 Dec 2024, 5:20 PM IST)
सीरिया में बशर अल असद साम्राज्य का खात्मा हो गया है। राज्य में तख्तापलट हो गया है। राष्ट्रपति अपने विमान सहित लापता हैं, वे कहां गए हैं, इसकी कोई खबर नहीं है। सीरिया के प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि वे नहीं जानते कि राष्ट्रपति असद कहा हैं।
सीरिया में 2011 से ही सरकार विरोधी आंदोलन चल रहे हैं। (तस्वीर- facebook.com/mod.gov.sy)
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार गिर गई है। साल 2011 से ही असर सरकार देश में जारी गृह युद्ध से निपटती आई थी लेकिन ईरान और रूस के पीछे हट जाने के बाद सेना कमजोर पड़ी और सरकार गिर गई। राष्ट्रपति असद को देश छोड़कर भागना पड़ा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वे हेलीकॉप्टर क्रैश में मार जा चुके हैं। इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है।
सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल जलाली अपने कार्यालय के बाहर निकले और वे अब फोर सीजन होटल में ठहरे हुए हैं। बशर अल असद के बारे में कोई सूचना नहीं मिल रही है। उनका हेलीकॉप्टर भी रडार से बाहर नजर आ रहा है। ऐसे भी दावे किए जा रहे हैं कि वे देश छोड़कर भाग चुके हैं।
दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा रविवार सुबह तक विद्रोही दमिश्क में दाखिल हो गए थे। उन्होंने कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया था। अब सीरिया में असद साम्राज्य का अंत हो गया। साल 2011 में उनके खिलाफ भड़की बगावत का हश्र ऐसा होगा, यह किसी ने नहीं सोचा होगा। वह इस्लामिक स्टेट के उभार को खत्म करने में सफल रहे थे लेकिन वे इस जंग में हार गए।
जैसे ही सरकार गिरने की घोषणा सार्वजनिक हुई, प्रधानमंत्री गाजी अल जलाली ने कहा कि अब देश में निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए। उन्होंने विद्रोही कमांडर अबू मोहम्मद अल गोलनी से बैठक की बात कही है।
साल 2011 से ही सीरिया गृह युद्ध का सामना कर रहा है। सीरिया में आर्थिक हालात बद से बदतर हो गए हैं। देश की एक बड़ी आबादी बाहरी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर है। एक अनुमान के मुताबिक पश्चिमी और पड़ोसी देशों में 7 लाख से ज्यादा लोग जा बसे हैं। अब यह जंग थमती नजर आ रही है।
असद सरकार गिरने के बाद एकजुट हुए विद्रोही लड़ाके।
दुनिया डरी क्यों है? जो देश बशर अल असद से खुश भी नहीं थे, वे भी नहीं चाहते थे कि विद्रोही यहां कब्जा जमाएं। वजह ये विद्रोही इस्लामिक चरमपंथी हैं और इनका मकसद देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और हयात तहरीर अल-शाम (HTS) जैसे संगठन इस आंदोलन में शामिल रहे हैं, ऐसे में दुनिया के कई देशों को डर है कि यहां भी अफगानिस्तान जैसे हालात होने वाले हैं।
अमेरिका का रुख क्या है? सीरिया के संकट पर अमेरिका का कहना है कि उसकी नजर पूरी सीरिया पर बनी रहेगी। इस्लामिक स्टेट के उदय को रोकने के लिए भरपूर कोशिशें की जाएगी। डिप्टी असिस्टेंट सिक्रेटरी ऑफ डिफेंस फॉर द मिडिल ईस्ट डेनियल शापिरो ने रविवार को कहा है कि इस्लामिक स्टेट को नहीं पनपने दिया जाएगा।
बहरीन की राजधानी में मनामा डायलॉग सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि सीरिया में मौजूदा परिस्थितियां ISIS को दोबारा सक्रिय होने के लिए अनुकूल हैं। वे सीरिया से बाहर अपनी योजनाओं को अंजाम दे सकते हैं। इसे रोकने के लिए हमें अपने सहयोगियों के साथ तैयार हैं। हम उन्हें नहीं बढ़ने देंगे। हम इस्लामिक स्टेट की हार तय करने के लिए ISIS लड़ाकों को कैद करने और विस्थापितों को वापस लाने के लिए दृढ़ हैं।'
कैसे गिरी दशकों से कायम असद की सरकार? सीरिया का विद्रोह एक दिन का विद्रोह नहीं था। बशर अल असद के खिलाफ साल 2011 से गों तक मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। कहां गुम हो गए हैं बशर अल असद?ही विद्रोह चल रहा था। विद्रोहियों की अगुवाई नए सिरे से हयात तहरीर अल शाम (HTS) कर रहा है। यह संगठन अलकायदा का हिस्सा था, इसे नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था। इसके अगुवा अबू मोहम्मद अल गोलानी ने साल 2016 में अलकायदा से नाता तोड़ लिया था।
मध्य-पूर्वी देशों को किस बात की चिंता है? ईरान ने कहा है कि सीरिया में उनके दूतावास पर हमला हुआ है। अज्ञात हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाया है। मध्य पूर्वी देशों की हालत पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी चिंता जताई है। संगठन ने कहा है कि लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, सीरिया में मानवीय त्रासदी की स्थिति पैदा हो रही है। बशर अल असद कहा हैं, किसी को कोई खबर नहीं है।
समचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो बशर अल-असद रविवार की सुबह दमिश्क में हेलीकॉप्टर पर सवार हुए थे। अब उनकी पत्नी अस्मा, उनके दो बच्चे कहां हैं किसी को कोई खबर नहीं है। सीरियन मीडिया का कहना है कि ऐसी आशंका है कि वे जिस विमान में सवार थे, उसे ढेर कर दिया गया है। वह रडार से बाहर नजर आ रहा है।