टमाटर सलाद और सब्जी के बीच की ऐसी कड़ी है, जिसे खाने के शौकीन लोग खूब खाते हैं। चटनी से लेकर सलाद तक, टमाटर का क्रेज ही अलग है। अलग-अलग तरह के व्यंजनों में टमाटर का इस्तेमाल होता है। टमाटर खाने के बहुत फायदे होते हैं। टमाटर आपकी कमजोर इम्युनिटी के लिए भी ठीक माना जाता है। इसमें लाइकोपेन, विटामिन सी, पोटैशियम जैसे तत्व होते हैं जो हार्ट हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
टमाट में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं। यह कई तरह की बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। कभी आपने सुना है कि टमाटर आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है? टमाटर में निकोटिन भी पाया जाता है। निकोटिन वह तत्व है, जो सिगरेट में भी खूब पाया जाता है। निकोटिन की आदत लग जाए तो सेहत के लिए यह बेहद हानिकारक होता है।
कुछ लोगों को टमाटर खाने के बाद सिगरेट की तलब होती है। यह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक है। टमाटर में एक तरह का अम्ल पाया जाता है, जिसके खाने के बाद दिमाग में कुछ अलग तरह की सनसनी होती है। एक स्टडी में यह दावा किया है गया है कि यही स्वाद हमारे ब्रेन को सिग्नल भेजता है, जिसके बाद सिगरेट की तलब लगती है।
जो लोग सिगरेट एडिक्ट हैं, उन्हें यह तलब ज्यादा लगती है। हर किसी को ऐसा ही फील हो, यह जरूरी नहीं है। ऐसे में आइए जानते है कि टमाटर आपकी सिगरेट की आदत को कैसे बढ़ाता है?
टमाटर में निकोटिन की मात्रा
निकोटिन कुदरती तौर पर पाए जाने वाला पदार्थ होता है जो ज्यादातर पौधों में पाया जाता है। यह पदार्थ नाइटशेड कुल के एक पौधों में पाया जाता है। यह टमाटर में ही नहीं बल्कि और भी कई तरह की सब्जियों में पाया जाता है जैसे आलू, टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च। यह इतनी कम मात्रा में होता है जिसका कोई महत्व नहीं होता है। सौ ग्राम टमाटर में 0.0008 मिलीग्राम निकोटिन होता है।
सिगरेट की आदत
टमाटर खाने के बाद सिगरेट की आदत लगने का कारण यह हो सकता है कि टमाटर में एक रसायन होता है जिसे डोपामाइन कहा जाता है। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो दिमाग में सुख और आनंद की भावना को बढ़ावा देता है। जब हम टमाटर खाते हैं तो डोपामाइन का स्तर बढ़ जाता है। टमाटर में एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है जो हमारे शरीर को निकोटीन से लड़ने में मदद करता है लेकिन यही एंटीऑक्सीडेंट सिगरेट पीने की तलब को भी बढ़ावा दे सकता है। यह हमारे दिमाग पर निकोटीन के असर को और अधिक बढ़ा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह आलेख इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी और सामान्य बातचीत के आधार पर लिखा गया है। विशेष जानकारी के लिए चिकित्सकों से जरूर संपर्क करें।