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अधिक नमी से बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा, मॉनसून में ऐसे रखें ख्याल

बारिश के मौसम में नमी अधिक होती है। नमी की वजह से मौसमी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि मॉनसून के मौसम में अपने सेहत का खास ख्याल रखें।

monsoon diseases

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

मॉनसून का मौसम गर्मी से राहत दिलाता है लेकिन कई बीमारियों का कारण भी बनता है। इस मौसम में वातावरण में बहुत ज्यादा नमी होती है जिसकी वजह से त्वचा संबंधी परेशानी, पाचन संबंधी और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। वातावरण में अधिक नमी की वजह से अधिक पसीना आता है और शरीर का तापमान भी अधिक रहता है। 

 

हालांकि अधिक नमी वाले मौसम में भी अपनी सेहत का खास ख्याल रख सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी रोजमर्रा की कुछ आदतों को बदलना होगा जिसकी मदद से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और मौसमी बीमारियों होने का खतरा कम होता है।

 

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प्राकृतिक रूप से नमी को कैसे नियंत्रित करें

पानी पिएं- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर से टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकल जाए और त्वचा हाइड्रेटेड रहे। पानी पीना बहुत जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

 

एंटी माइक्रोबियल का इस्तेमाल करें- नीम, हल्दी, अदरक जैसे एंटी बैक्टीरियल चीजों का इस्तेमाल करें। इन चीजों की मदद से संक्रमण से दूर रहते हैं। मॉनसून के मौसम में ये चीजें आपके लिए बेहद फायदेमंद हैं।

 

त्वचा को साफ रखें- मॉनसून के मौसम में हवा में अत्यधिक नमी होती है जिस वजह से बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण का खतरा होना आम बात है। नहाने के बाद शरीर को साफ और सूखा रखें।

 

बैलेंस डाइट खाएं- इस मौसस में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए फल और सब्जियों का सेवन करें। स्वस्थ भोजन आपको उर्जा से भरपूर रखता और बीमारियों से दूर रखता है।

 

साफ सफाई रखें- इस मौसम में बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। बार-बार हाथ धोने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।

त्वचा संबंधी समस्याओं और एलर्जी से निपटने के लिए नीम, एलोवेरा और हल्दी जैसी जड़ी-बूटियों का उपयोग करें। इनमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

 

कॉटन के कपड़े पहनें- हवा में अत्यधिक नमी होती है जिस कारण से पसीना जल्दी नहीं सूखता है इसलिए लिनेन और कॉटन कपड़े पहनने चाहिए। ये कपड़े पहनने में हल्के होते हैं और त्वचा संबंधी परेशानियां भी नहीं होती है।

 

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मौसमी बीमारियां होने का खतरा

  • त्वचा संबंधी समस्याएं- अधिक मॉश्चर होने की वजह से इस मौसम में मुहांसे की समस्या हो सकती हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को रैशेज और फंगल इन्फेक्शन भी हो जाता है।
  • पाचन संबंधी परेशानियां-बारिश के मौसम में पेट फूलना, गैस और डायरिया की समस्या हो सकती है।
  • सांस संबंधी परेशानियां- इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इसके अलावा मॉनसून में अधिक बारिश और बाढ़ की वजह से पानी गंदा हो जाता है जिस वजह से पानी से संबंधित बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

 

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