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ऊनी कपड़े पहनने से हो रही है खुजली? जान लीजिए कैसे मिलेगी राहत

अगर आपको भी ऊनी कपड़े पहनने से खुजली होती है और आप इससे परेशान हैं तो हम आपको ऐसे तरीके बताएंगे जिससे आप इन तरीकों का उपयोग करके इस समस्या से बच सकते हैं।

sweater

प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo: Freepik

ऐसा नहीं है क‍ि स्‍क‍िन एलर्जी केवल गर्मी के मौसम में ही होती है। सर्दी के मौसम में ऊनी कपड़ों से भी एलर्जी हो जाती है। हाथ-पैर में लाल दाने और खुजली की समस्‍या हो सकती है। कई लोगों को ऊनी कपड़ों से एलर्जी होती है। त्वचा में खुजली होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे साफ-सफाई में कमी, ड्राइनेस, इंफेक्शन आदि के कारण खुजली हो सकती है। कभी-कभी त्वचा पर इतनी खुजली बढ़ जाती है कि उस जगह पर घाव या इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। 

 

हर साल करीब 10 से 15 फीसदी महिलाओं को वुलन एलर्जी की समस्या का सामना करना पड़ता हैं। ठंड के मौसम में लोग सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनते हैं। ऊनी कपड़े न सिर्फ ठंड से बचाव करते है बल्कि व्यक्ति को बीमार पड़ने से बचाते हैं लेकिन गर्म कपड़ों से समस्या भी होती है जब इन्हें पहनने के बाद कुछ लोगों को एलर्जी होने लगती है। वुलन एलर्जी की वजह से शरीर पर खुजली, रैशेज और सूजन हो सकती है। दर्द और खुजली से इंसान परेशान हो जाता है।


कैसे करें बचाव?

 

कोल्ड क्रीम लगाएं- वुलन कपड़े पहनने से पहले आपको कोल्‍ड क्रीम लगानी चाह‍िए। इससे त्‍वचा ड्राई नहीं होती और एलर्जी होने की संभावना कम हो सकती है। सर्दी के द‍िनों में त्‍वचा की नमी कम हो जाती है। त्‍वचा को नमी देने के ल‍िए सुबह-शाम क्रीम लगाने से त्‍वचा कोमल होती है। केवल चेहरे और गर्दन पर क्रीम लगाना काफी नहीं है बल्‍क‍ि पूरे शरीर को मॉइश्चराइज करना चाहिए।   


कॉटन के कपड़े पहनें- ऊनी कपड़ो को सीधे संपर्क से बचने के लिए उसके नीचे मुलायम कॉटन कपड़े पहनने चाहिए। इससे शरीर में खुजली और रैशेज की समस्या नहीं होती है। सर्दियों में शरीर से पसीना आता है जिससे ऊनी कपड़ों के संपर्क में आने से इन्‍फेक्‍शन का कारण हो सकता है।

 

तेल से करें मालिश- सर्दी में वुलन एलर्जी से बचने के ल‍िए तेल की माल‍िश करना चाह‍िए। तेल की माल‍िश करने से त्‍वचा को पर्याप्‍त पोषण म‍िलता है और त्‍वचा रूखी होने से बचती है। आप ऑल‍िव ऑयल, बादाम ऑयल और कोकोनट ऑयल आद‍ि का उपयोग कर सकते हैं। तेल को गुनगुना करके त्‍वचा पर लगाने से खुजली और रैशेज से बचा जा सकता है।

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