हम सभी को अमिताभ बच्चन की ये लाइन तो हमेशा याद रहती हैं कुछ दिनों तो गुजारो गुजरात में। अब सही मायने में गुजरात के कच्छ जिले में परिवार के साथ समय बिताने का समय आ गया है। कच्छ को अनोखी सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। हर साल इस जिले में विशेष आयोजन किया जाता है जिसे रण उत्सव कहा जाता है। इस बार भी रण उत्सव 1 दिसंबर से शुरू हो चुका है। ये आयोजन 28 फरवरी 2025 तक चलेगा। आइए जानते हैं रण उत्सव के बारे में। इस उत्सव में क्या खास देखने को मिलने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रण उत्सव को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने पोस्ट करके लिखा, 'कच्छ की परंपरा, संस्कृति और विरासत का प्रतीक रण उत्सव हर किसी का मन मोह लेने वाला है। अद्भुत क्राफ्ट बाजार हो, सांस्कृतिक कार्यक्रम या फिर खान पान की परंपरा, यहां का अपना हर अनुभव अविस्मरणीय बन जाएगा। आप सभी से मेरा आग्रह है कि एक बार अपने परिवार के साथ रण उत्सव जरूर आएं'।
पीएम मोदी ने की रण उत्सव में जाने की अपील
रण उत्सव में क्या है खास
कच्छ का रण अपनी चमचमाती सफेद रेत के लिए मशहूर है। दूर तक फैली सफेद रेत पर्यटकों को मंत्रमुंग्ध कर देती हैं खासतौर पर सूर्योदय और सूर्यास्त का समय। रण उत्सव में कच्छ के सांस्कृतिक रंगों को दिखाया गया। यहां संस्कृति, कल और संगीत का अनोखा संगम देखने को मिलता है। ये उत्सव कच्छ के धोरड़ो में चल रहा है। पर्यटकों के लिए आलीशान टेंटों की व्यवस्था की गई है जिसमें तमाम तरह की सुविधाएं हैं। लोग टेंट में रुककर कैम्पिंग का शानदार अनुभव लें सकते हैं। इसके अलावा लोक-संगीत का आनंद ले सकते हैं।
आप परिवार के साथ फन एंज एडवेंचर एक्टिविटीज का लुत्फ उठा सकते हैं। आप यहां पर कच्छी भोजन का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा क्राफ्ट बाजार में हस्तशिल्पा शिला से बनी चीजों को खरीद सकते हैं। आप यहां पर गुजराती व्यंजनों का आनंद जरूर लें। अहमदाबाद एयरपोर्ट से रणोत्सव तक एसी वोल्वो बस की सुविधा है।
कब से शुरू हुआ ये उत्सव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2005 में इस उत्सव की शुरुआत की थी। पिछले 2 दशकों से गुजरात का ये सबसे बड़ा इवेंट होता है। सर्दियों की शुरुआत से हर साल गुजरात में हजारों पर्यटक इस उत्सव को देखने आते हैं।