गर्मियों के मौसम में त्वचा का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। सूरज की यूवी किरणें त्वचा के लिए नुकसानदायक होती है। इस मौसम में त्वचा बेजान ओर डल नजर आती है इसलिए जरूरी है कि सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। सनस्क्रीन आपको सूरज के हानिकारक यूवी से सुरक्षित रखता है। सनस्क्रीन में जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम ऑक्साइड समेत कई केमिकल मौजूद होते हैं जो त्वचा को सनबर्न से बचाती है। सनस्क्रीन त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है लेकिन अगर इसे जरूरत से ज्यादा लगाए जाएं तो नुकसानदायक है।
चीन के चेंगूद शहर में 48 साल की महिला की हड्डी सिर्फ बिस्तर पर करवट लेते ही टूट गई। डॉक्टर ने बताया कि महिला में विटामिन डी की कमी थी। वह धूप में निकलने से बचती थी। जब भी घर से बाहर निकलती तो पूरे शरीर पर पहले बहुत ज्यादा सनस्क्रीन लगाती थी और हमेशा पूरे बांह के कपड़े पहनती थी। इस वजह से उसकी हड्डियां कमजोर हो गई। मालूम हो कि 30 साल के बाद बोन डेंसिटी कम होने लगती है।
ये भी पढ़ें- देश में 1000 से ज्यादा कोविड केस, दिल्ली से केरल तक अलर्ट, अब आगे क्या
सनस्क्रीन की वजह से नहीं बन पाता है विटामिन डी
विटामिन डी हमारी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होता है। दरअसल सूरज से निकलने वाली यूवी बी किरणें त्वचा के साथ मिलकर विटामिन डी बनाती है। अधिक मात्रा में सनस्क्रीन लगाने से त्वचा में यूवीबी रे एब्जॉर्ब नहीं हो पाता है जिस कारण से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं बन पाता है। JAMA में प्रकाशित पायलट स्टडी में बताया गया कि सनस्क्रीन में oxybenzone, avobenzone, octocrylene, and ecamsule जैसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो ब्लड सेल्स में घुल जाते हैं और त्वचा के लिए नुकसानदायक होता है। इन केमिकल्स की वजह से स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। हालांकि इन केमिकल्स को लेकर शोध चल रहा है।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी और कैनेडियन डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन का कहना है कि लोग यूवी किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं जो 80 से 90 प्रतिशत तक स्किन कैंसर का कारण बनते हैं। पर्यावरण कार्य समूह (EWG) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बिकने वाले 2000 से ज्यादा एसपीएफ प्रोडक्ट्स की समीक्षा की गई थी जिसमें पाया गया कि उनमें से 80 प्रतिशत प्रोडक्ट सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने में विफल रहे।
ये भी पढ़ें- क्या आम खाने से चेहरे पर होते हैं मुंहासे? त्वचा विशेषज्ञ से जानिए
एलर्जी- सनस्क्रीन में कई केमिकल्स होते हैं जिसकी वजह से त्वचा में जलन, रेडनेस और खुजली की समस्या हो सकती है।

मुंहासे- अगर आप मुंहासों से परेशान रहते हैं तो सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल आपकी परेशानी को बढ़ा सकते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल ना करें। अपने स्किन टाइप के हिसाब से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। सनस्क्रीन त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद भी होता है लेकिन किसी भी चीज को अधिक मात्रा में लगाने से नुकसान होता है।
कैसे लगाएं सनस्क्रीन
गर्मी हो या सर्दी दिन में 2 बार सनस्क्रीन लगाना चाहिए। घर से निकलने से 15 से 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाएं ताकि त्वचा में अच्छी तरह से मिल जाएं।
सनस्क्रीन लगाने के बाद ही मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए।