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अंधेरे में ही क्यों आती है अच्छी नींद, समझ लीजिए पूरी बात

अगर आप भी रात को सोने से पहले कमरे की लाइट चालू करके सोते हैं तो नींद पूरी न होने के कारण आपको भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। हम आपको बताएंगे कि अंधेरे में सोने से आपके शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo: Freepik

अच्छी लाइफ के लिए गहरी और आरामदायक नींद लेना बहुत जरूरी है। बिजी लाइफस्टाइल और ज्यादा चिंता के कारण लोग रात भर सोने के बाद भी सुबह उठते ही सिर को भारी महसूस करते हैं। उन्हें थकान भी होने लगती है। ऐसा गलत तरह से सोने के कारण भी हो सकता है। ऐसे में सही तरह से सोना बहुत जरूरी है। लाइट चालू होने से गहरी नींद नहीं आती है क्योंकि नींद ही हमारे शरीर की दिनभर की थकान और तनाव को दूर करती है और सुबह उठने पर फ्रेश फील कराती है। रात को लाइट की रोशनी से नींद नहीं आती जिससे गहरी और शांतिपूर्ण नींद लेना मुश्किल हो जाता है। नींद पूरी न होने के कारण मूड, शरीर में थकान और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। यहां हम बता रहे हैं रात को सोने से पहले लाइट क्यों बंद कर देनी चाहिए। आइए जानते हैं नींद का इससे कनेक्शन।


अंधेरे में सोने से नींद की क्वालिटी बढ़ती है। जिससे हमारे शरीर को पूरी तरह से आराम मिलता है। जो अगली सुबह आपको अच्छा महसूस करने में मदद करता है। अगर आप रात को सोने पर लाइट या हल्की रोशनी में सोते हैं तो इससे आपके शरीर में एक हार्मोन बनता है। वह स्लीप मेलाटोनिन हार्मोन होता है जो लाउट की रोशनी से शरीर में नहीं बनने देता। जिससे आपके शरीर के नैचुरल स्लीप साइकिल रुक जाती है और नींद की क्वालिटी खराब हो सकती है। नींद न पूरी होने के कारण कई लोगों को हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। जब आप सही नींद नहीं लेते हैं तो डायबिटीज, मोटापा और हाई ब्लडप्रेशर के होने का खतरा बढ़ सकता है। 

 

क्यों जरूरी है अंधेरे में सोना?

 

अंधेरे में सोने से नींद की क्वालिटी बढ़ती है। जिससे हमारे शरीर को पूरी तरह से आराम मिलता है। जो अगली सुबह आपको फ्रेश महसूस करने में मदद करता है। अंधेरे में सोने से मेलाटोनिन हार्मोन सही मात्रा में बनता है। जिससे नींद अच्छी आती है और तनाव कम होता है। वहीं अंधेरे में सोना मेडिटेशन का कम करता है, जो आपके दिमाग को स्थिर कर बेहतर नींद लेने में मदद करता है।

 

इन चीजों का न करें उपयोग?

 

आर्टिफिशियल लाइट जैसे- कमरे की लाइट, टीवी या मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट खासतौर से सर्केडियन रिदम को प्रभावित करती है। यह लाइट ब्रेन को मैसेज भेजती है कि यह दिन का समय है और यह रात का समय होता है। ऐसे में हमारे शरीर की नेचुरल क्लॉक कंफ्यूज हो जाती है और नींद आने में परेशानी होती है। यही वजह है कि मोबाइल, लेपटॉप और कंप्यूटर की स्क्रीन का इस्तेमाल सोने से पहले नहीं करना चाहिए। रात में अंधेरे में सोने से हमारी सर्केडियन रिदम सही काम करती है, जिससे हमें जल्दी नींद आती है और हमारी नींद गहरी होती है।अंधेरे में सोने का एक और फायदा यह है कि यह दिमाग को शांत करता है। जब कमरे में अंधेरा होता है, तो शरीर और ब्रेन को आराम मिलने लगता है और अगली सुबह आपको अच्छा महसूस होता है।

 

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