logo

ट्रेंडिंग:

मणिपुर में फिर लौटा AFSPA, समझ लीजिए क्या बदलने वाला है

मणिपुर में नए सिरे से शुरू हुई हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 6 और थाना क्षेत्रों में AFSPA को लागू कर दिया है। इन इलाकों में हालात बेहद खराब हैं।

manipur afspa

मणिपुर में तैनात हैं सुरक्षाकर्मी

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

जम्मू-कश्मीर हो या फिर पूर्वोत्तर के राज्य, कई दशकों से सैन्य बलों को मिलने वाले विशेषाधिकार विवादों में रहे हैं। बीते कुछ सालों में लोगों को इनसे राहत मिली है और ज्यादातर इलाकों में लागू रहने वाले आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को हटा लिया गया था। मणिपुर में नए सिरे से शुरू हुई हिंसा के बीच एक बार फिर इस राज्य में AFSPA लौट आया है। अब मणिपुर के पांच और थाना क्षेत्रों में AFSPA को लागू कर दिया गया है। इस कानून के तहत सैन्य बलों को अधिकार मिलता है कि संदिग्ध गतिविधि देखते ही गोली चला सकें। रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में जारी हिंसा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है क्योंकि कई इलाकों में हालात बेहद संवेदनशील हैं।

 

हाल ही में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे। अब स्थानीय लोग इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं और हिंसा शुरू हो गई है। पुलिस के मुताबिक, इन उग्रवादियों ने जाकुराधोर के बोरोब्रेका पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। जवाब में पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला तो उग्रवादी ढेर कर दिए गए हैं। वहीं, अब 6 लापता लोगों को बचाने के लिए पुलिस उनकी तलाश कर रही है। उन उग्रवादियों को भी तलाशा जा रहा है जो सुरक्षाबलों पर हमले में शामिल रहे हैं।

6 और थानों तक फैला AFSPA

 

अब केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के 5 जिलों के 6 थानों में AFSPA को लागू कर दिया है। इससे पहले 1 अक्तूबर को कुल 19 थाने छोड़कर पूरे मणिपुर में AFSPA लागू कर दिया गया था। अब इस 19 में से 6 और थानों में AFSPA लागू हो गया है। यानी अब मणिपुर के सिर्फ 13 थाने ऐसे बचे हैं जहां AFSPA लागू नहीं है। अब सुरक्षाबलों को स्पष्ट निर्देश हैं कि वे शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए मिलकर आपसी संयोजन के साथ काम करें।

 

दरअसल, जिरिबाम जिले में 10 उग्रवादियों को को मारे जाने के बाद से यह बवाल मचा हुआ है और केंद्र सरकार की ओर से पैरामिलिट्री की 20 और कंपनियों को मणिपुर भेजा गया है। अब जिन 6 थानों में AFSPA को लागू किया गया है उनमें सेकमई, लामसांग, लालमई, जिरिबाम, लेइमाखांग और मोइरांग शामिल हैं। नए आदेश के मुताबिक, इन इलाकों में 31 मार्च 2025 तक AFSPA लागू रहेगा।

क्या है AFSPA?

 

किसी भी 'अशांत' क्षेत्र में लागू किया जाने वाला यह विशेष कानून वहां तैनात सुरक्षाबलों को विशेषाधिकार देता है। इसके तहत वहां तैनात सुरक्षाकर्मी बिना वारंट किसी के भी घर में प्रवेश करके तलाशी ले सकते हैं और गिरफ्तारी भी कर सकते हैं। यहां तक कि स्थिति के अनुसार वे बिना किसी पूर्व अनुमति के गोली भी चला सकते हैं। यही वजह है कि यह कानून विवादों में भी रहा है।

Related Topic:

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap