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क्या वाकई हथकड़ी-बेड़ियां लगाकर डिपोर्ट करना अमेरिका की नीति है? समझिए

अमेरिका ने 5 फरवरी को 104 भारतीयों को डिपोर्ट कर दिया। इन पर अवैध तरीके से अमेरिका में रहने का आरोप था। इन भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियां बांधकर भारत लाया गया।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

अमेरिका ने जिस तरह से हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधकर भारतीयों को डिपोर्ट किया, उसे अमानवीय बताया जा रहा है। दो दिन से संसद में बवाल जारी है। संसद के अंदर और बाहर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। विपक्षी सांसदों ने 'हथकड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान' और 'हर हिंदुस्तानी का स्वाभिमान यही, न्याय दो, जंजीर नहीं' जैसे नारे तख्तियों पर लिखकर प्रदर्शन किया।


बुधवार को अमेरिकी सेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान से 104 भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट लाया गया था। इनपर अमेरिका में अवैध तरीके से घुसने का आरोप है। अमेरिका से लौटे इन भारतीयों का दावा है कि हथकड़ी और बेड़ियां बांधकर इन्हें लाया गया और अमृतसर एयरपोर्ट पर खोला गया।


अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक ने X पर एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीयों के हाथ-पैर बंधे हुए दिख रहे हैं। वीडियो शेयर करते हुए बैंक ने लिखा, 'अवैध एलियंस को भारत वापस भेज दिया। आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं तो आपको वापस भेज दिया जाएगा।'

 

इस पर सरकार का क्या है कहना?

इस तरह से हथकड़ियां और बेड़ियां बांधकर लाए जाने पर गुरुवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका से इस तरह डिपोर्ट किया जाना कोई नई बात नहीं है।


उन्होंने कहा, 'अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को भेजा गया है, ये कोई पहली बार नहीं हुआ। 2012 से ही डिपोर्टेशन के तहत सैन्य विमान से लोगों को वापस भेजा जाता रहा है। भारतीयों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ। अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाकर भेजना अमेरिका की नीति है और ये सभी देशों पर लागू है।' उन्होंने बताया कि पुरुषों को हथकड़ी और बेड़ियां बांधकर लाया गया था। महिलाओं और बच्चों को हथकड़ी और बेड़ियां नहीं लगाई गई थीं।


भारतीय प्रवासियों के साथ आतंकियों जैसा व्यवहार करने के सवाल पर जयशंकर ने कहा, 'हम अमेरिकी सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि उनके साथ दुर्व्यवहार न हो।'

 

क्या है अमेरिका की डिपोर्टेशन पॉलिसी?

जो कोई भी व्यक्ति बगैर दस्तावेजों या अवैध तरीके से अमेरिका में घुसता है या रहता है, उसे अवैध प्रवासी कहा जाता है। ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर डिपोर्ट किया जाता है। ये सारा काम डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी संभालती है। एक अनुमान है कि हर साल 1.46 लाख लोगों को अमेरिका से डिपोर्ट किया जाता है।


अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी व्यक्ति को अवैध तरीके से अमेरिका में रहते हुए पकड़ा जाता है तो उसे तुरंत डिटेंशन सेंटर में डाल दिया जाता है। जो लोग दो साल से कम समय से अमेरिका में रह रहे होते हैं, उन्हें तुरंत ही डिपोर्ट कर दिया जाता है। ऐसे लोगों को डिपोर्ट करने के लिए अदालती आदेश की जरूरत नहीं पड़ती। 


हालांकि, जो लोग दो साल या उससे ज्यादा लंबे वक्त से अमेरिका में बसे हैं, उन्हें डिपोर्ट करने में सालों लग जाते हैं। ऐसे लोगों को इमिग्रेशन कोर्ट के आदेश के बाद ही डिपोर्ट किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2024 तक इमिग्रेशन कोर्ट में 36 लाख मामले पेंडिंग हैं।


NBC की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों को डिपोर्ट किया जाना है, उन्हें सबसे पहले एयरपोर्ट लाया जाता है। यहां पुरुषों के हाथ में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधकर विमान में बैठा दिया जाता है। इन लोगों को अपने साथ सिर्फ 18 किलो तक का लगेज ले जाने की ही अनुमति होती है। इस दौरान विमान में 13 से 20 सिक्योरिटी गार्ड्स भी होते हैं। मेडिकल स्टाफ भी होता है।

 

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अमेरिका में हथकड़ी को लेकर क्या है नियम?

अमेरिका में पुलिस और सुरक्षाबलों के पास गिरफ्तार किए गए लोगों को हथकड़ी लगाने का अधिकार होता है। ऐसा आपने हॉलीवुड फिल्मों में भी देखा होगा कि पुलिस जब भी किसी को गिरफ्तार करती है तो उसे तुरंत हथकड़ी लगा देती है।


यूएस ऑफिस ऑफ जस्टिस प्रोग्राम के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को तुरंत हथकड़ी पहना दी जाती है, फिर चाहे उसका अपराध कितना ही छोटा क्यों न हो। इस दौरान इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता है कि व्यक्ति का अपराध कितना गंभीर है? उसने मर्डर किया है या नहीं? इतना ही नहीं, कोई व्यक्ति अगर हिरासत में है तब भी उसे हथकड़ी पहनाई जाती है। 

भारत में क्या है इसे लेकर कानून?

भारत में हथकड़ी पहनाने को लेकर बेहद सख्त नियम हैं। 1980 में प्रेम शंकर शुक्ला बनाम दिल्ली सरकार मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हथकड़ी पहनाने को असंवैधानिक ठहराया था। कोर्ट ने तब कहा था कि अगर किसी कैदी को हथकड़ी लगाई भी जाती है तो उसका कारण दर्ज करना होगा और पहले मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी।


हालांकि, पिछले साल भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू की गई थी। BNSS की धारा 43(2) में हथकड़ी को लेकर कुछ प्रावधान किए गए थे। इसके मुताबिक, अगर कोई कैदी आदतन अपराधी है या पहले हिरासत से भाग चुका है या आतंकवादी गतिविधि शामिल हो या हत्या, दुष्कर्म, एसिड अटैक, नकली करंसी की तस्करी, मानव तस्करी, बच्चों के खिलाफ यौन अपराध या देशद्रोह का अपराध किया हो तो हथकड़ी पहनाकर गिरफ्तार किया जा सकता है और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा सकता है।

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