केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पाकिस्तान और नेपाल की सीमा से लगे राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इस हाई लेवल मीटिंग में गृह मंत्री ने भविष्य के लिए कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।
शाह ने बैठक में राज्यों को जरूरी वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता बनाए रखने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, होमगार्ड और एनसीसी जैसे राहत और बचाव बलों को अलर्ट पर रखने को कहा। साथ ही सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर देश विरोधी दुष्प्रचार पर नजर रखने और त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
निर्बाध संचार-सुरक्षा बनाए रखने के निर्देश
उन्होंने बैठक में संवेदनशील बिंदुओं पर निर्बाध संचार और सुरक्षा बनाए रखने के भी निर्देश दिए। समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले PoK में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा किए गए हमलों के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई थी।
इन राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए
बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई। इस बैठक में जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकों के अलावा लद्दाख के उपराज्यपाल शामिल हुए।
छुट्टी पर गए जवानों को वापस बुलाने के निर्देश
गृह मंत्री ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रमुखों को छुट्टी पर गए अपने कर्मियों को वापस बुलाने का निर्देश दिया है। सूत्रों के मुताबिक, शाह ने देश में आंतरिक सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को सतर्क रहने और कड़ी निगरानी रखने को कहा।
गृह मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम में निर्दोष लोगों की नृशंस हत्याओं के प्रति भारत की प्रतिक्रिया बताया। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार भारत और उसके लोगों पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।