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करीमगंज से श्रीभूमि ...नाम बदले जाने पर AIUDF विधायक क्यों हुए खफा?

करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि किए जाने के फैसले पर AIUDF के महासचिव रफीकुल इस्लाम ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा को करीम में केवल मुसलमान ही नजर आते हैं।

AIUDF attacks Himanta Biswa Sarma over Karimganj renaming

असम CM हिमंता सरमा, Image Credit: PTI

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने राज्य के करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि करने का फैसला किया है। मंगलवार को हुई असम कैबिनेट की मीटिंग में नाम बदलने को लेकर फैसला लिया गया था। करीमगंज का नाम श्रीभूमि में बदलने के फैसले पर AIUDF के महासचिव रफीकुल इस्लाम ने आपत्ति जताई।

 

बुधवार को उन्होंने मुख्यमंत्री सरमा पर हमला बोला और कहा कि नाम इसलिए बदले गए क्योंकि यह इस्लाम से जुड़ा हुआ है। रफीकुल इस्लाम ने दावा किया कि सरमा को करीम में केवल मुसलमान ही नजर आते हैं।

एक्स पर साझा की थी जानकारी

हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि कर दिया जाएगा। उन्होंने एक्स पर लिखा,'100 साल से भी पहले, कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने असम के आधुनिक करीमगंज जिले को 'श्रीभूमि' यानी मां लक्ष्मी की भूमि बताया था। आज असम कैबिनेट ने हमारे लोगों की इस लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया है।'

असम के मुख्यमंत्री हैं सरमा!

झारखंड में भाजपा के चुनाव अभियान की कमान हिमंत बिस्वा सरमा के हाथों में होने का जिक्र करते हुए इस्लाम ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि वह असम के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री के पास अभी करने के लिए कुछ नहीं है। वह एक महीने तक झारखंड में रहे। यह कहना मुश्किल है कि वह असम के मुख्यमंत्री हैं'।

 

दरअसल, सरमा ने मंगलवार को टिप्पणी की थी कि असमिया और बंगाली शब्दकोशों में करीमगंज का कोई अर्थ नहीं है। इस पर विधायक ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक नाम है। उन्होंने कहा, 'करीमगंज एक ऐतिहासिक नाम है और अगर  लोग यह कह रहे हैं कि यह नाम शब्दकोश में नहीं हैं और इसे बदल देंगे तो असम में हजारों नाम बदलने पड़ेंगे।

AIUDF के महासचिव ने बताया करीम का मतलब

AIUDF महासचिव ने कहा कि करीम का मतलब है प्यार और स्नेह। उन्होंने कहा कि करीम का कोई अर्थ क्यों नहीं है, इसका एक अच्छा अर्थ है। करीम का मतलब है प्यार और स्नेह है। हम गर्व से कहते हैं कि हमारे पूर्वजों ने विभाजन के दौरान करीमगंज को भारत के साथ रखने का प्रयास किया।

किसी अज्ञात व्यक्ति के नाम पर क्यों रखा जाना चाहिए नाम?

सरमा ने आज कहा कि किसी जिले का नाम किसी अज्ञात व्यक्ति के नाम पर क्यों रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि वे मेरी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन वे रवींद्रनाथ टैगोर की आलोचना क्यों कर रहे हैं? असम में, किसी जिले का नाम किसी अज्ञात व्यक्ति के नाम पर क्यों रखा जाना चाहिए? इसे बहुत पहले ही बदल दिया जाना चाहिए था।'

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