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औरंगजेब की कब्र का बाबरी जैसा हश्र करने की धमकी, महाराष्ट्र में अलर्ट

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर विवाद बढ़ता जा रहा है। खुल्दाबाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कब्र को लेकर सियासी बयानबाजी भी चल रही है।

khuldabad

खुल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र के पास तैनात पुलिसकर्मी। (Photo Credit: PTI)

महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज कर दी है। साथ ही धमकी दी है कि अगर कब्र नहीं हटाई जाती है तो बाबरी स्टाइल में कारसेवा की जाएगी।

 

हिंदू संगठनों से मिली चेतावनी के बाद औरंगजेब के खुल्दाबाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुल्दाबाद में औरंगजेब का मकबरा है। 


इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए। कांग्रेस सरकार में औरंगजेब की कब्र को ASI का संरक्षण मिला था।

 

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कब्र हटाएं नहीं तो... हिंदू संगठनों की धमकी

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने बाबरी स्टाइल में औरंगजेब की कब्र हटाने की धमकी दी है। हिदू संगठनों ने धमकी देते हुए कहा, 'हम महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द औरगंजेब की कब्र हटाई जाए। अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे और जरूरी हुआ तो सड़कें ब्लॉक करे कारसेवा के जरिए कब्र को ध्वस्त कर देंगे।'

भारी पुलिस तैनात

औरंगजेब के मकबरे को लेकर हो रहे बवाल के बीच सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। हिंदू संगठनों की धमकी के बाद खुल्दाबाद जाने वाले रास्तों पर पुलिस को तैनात किया गया है। 


विश्व हिंदू परिषद के रीजनल हेड किशोर चव्हाण, बजरंग दल के रीजनल कोऑर्डिनेटर नितिन महाजन और संदेश भेगदे ने औरंगजेब की कब्र को गुलामी और अत्याचार का प्रतीक बताया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही वे मुख्यमंत्री फडणवीस से भी मुलाकात करेंगे और ज्ञापन सौंपेंगे।

 

सियासत भी तेज

विक्की कौशल की 'छावा' रिलीज होने के बाद औरंगजेब को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने औरंगजेब को अच्छा शासक बताया था। उन्होंने कहा था कि उनका मानना है कि औरंगजेब क्रूर नहीं था। उनका दावा था कि फिल्मों के जरिए औरंगजेब की गलत छवि पेश की जा रही है।


एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि औरंगजेब की कब्र को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'लोगों पर अत्याचार करने के लिए बदनाम शासक की कब्र को क्यों संरक्षित किया जाना चाहिए।'


वहीं, एनसीपी (शरद पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने इस कदम की आलोचना करते हुए सवाल किया, 'क्या रावण का जिक्र किए बिना रामायण का वर्णन करना या अफजल खान के बिना प्रतापगढ़ की लड़ाई का वर्णन करना संभव है?'

 

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टी राजा बोले- कब टूटेगी औरंगजेब की कब्र?

तेलंगाना से बीजेपी के विधायक टी राजा ने भी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की है। पुणे के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'पहले महाराष्ट्र का हिंदू यह पूछता था कि इतना अत्याचार करने वाले औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र की धरती पर क्यों है? लेकिन आज पूरे भारत का हिंदू पूछ रहा है कि औरंगजेब की कब्र क्यों बनी हुई है?'

 


टी राजा ने आगे कहा, 'महाराष्ट्र में हिंदू चाहते हैं कि औरंगजेब की कब्र का नामोनिशान मिटे। कब टूटेगी औरंगजेब की कब्र? कब चलेगा बुलडोजर? अब मेरा एकमात्र संकल्प है- भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना और औरंगजेब की कब्र को हटाना।'

कहां है औरंगजेब की कब्र?

मुगल शासक औरंगजेब की मौत 1707 में अहिल्यानगर (तत्कालीन अहमदनगर) में हुई थी। इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब चाहते थे कि उनकी कब्र उनके गुरु सैयद जैनुद्दीन शिराजी की कब्र के बगल में हो। इसलिए औरंगजेब की मौत के बाद उसके बेटे आजम शाह ने खुल्दाबाद में उसकी कब्र बनवाई थी। खुल्दाबाद शहर छत्रपति संभाजी नगर (पहले औरंगाबाद) से 25 किलोमीटर दूर है। 


इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब ने अपनी वसीयत में कहा था कि उसकी कब्र उसके कमाए पैसों से ही बनवाई जाए। माना जाता है कि उस समय इस कब्र के निर्माण में 14 रुपये 12 आने की लागत आई थी। पहले इस कब्र को मिट्टी से बनाया गया था लेकिन अंग्रेजों ने इस पर संगमरमर चढ़वा दिया। औरंगजेब की कब्र के बगल में ही उसके बेटे आजम शाह की भी कब्र है।

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