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संभाजी महाराज को लेकर विकीपीडिया के एडिटर्स पर क्यों केस हुआ?

महाराष्ट्र में विकीपीडिया एडिटर्स पर मामला दर्ज हुआ है। विकीपीडिया पर मौजूद कंटेंट को लेकर उन्हें नोटिस भेजा गया था।

Representational Image

प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने शुक्रवार को छत्रपति संभाजी महाराज पर आपत्तिजनक सामग्री को ओपन सोर्स इन्साइक्लोपीडिय से नहीं हटाने के लिए विकिपीडिया के कम से कम 4 संपादकों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

 

एजेंसी ने पहले कैलिफोर्निया स्थित विकिमीडिया फाउंडेशन को नोटिस भेजा था। यह कार्रवाई विभिन्न संगठनों द्वारा ओपन सोर्स इन्साइक्लोपीडिया विकिपीडिया पर संभाजी महाराज से संबंधित अपमानजनक जानकारी के होने के दावों के बाद की गई।

 

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सीएम ने दिया था निर्देश
मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म 'छावा' के रिलीज होने के बाद यह कदम उठाया गया है। इससे पहले महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र साइबर सेल को इस कंटेंट को हटाने के लिए विकीपीडिया को संपर्क करने का निर्देश दिया था।

 

इसके बाद विकीपीडिया को एक नोटिस जारी की गई। यह नोटिस सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 168 (संज्ञेय अपराधों की रोकथाम) के तहत भेजा गया था। नोटिस में कहा गया है कि विकिपीडिया की सामग्री गलत है और इसमें उचित संदर्भ या स्रोत नहीं हैं, जिससे सांप्रदायिक नफरत भड़क रही है, क्योंकि छत्रपति संभाजी महाराज भारत में अत्यधिक पूजनीय हैं।

 

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साइबर सेल ने क्या कहा

महाराष्ट्र साइबर ने कहा कि 'यह गलत सूचना उनके अनुयायियों के बीच अशांति पैदा कर रही है और संभावित रूप से कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा कर सकती है। अधिकारी ने कहा कि स्थिति की गंभीरता और इसके संभावित प्रभाव को देखते हुए, महाराष्ट्र साइबर ने विकिमीडिया फाउंडेशन को आपत्तिजनक कंटेंट को समय पर हटाने और भविष्य में इसे फिर से अपलोड होने से रोकने का निर्देश दिया।

 

इसमें कहा गया है, 'यह नोटिस आपको आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79 (3) (बी) के तहत सूचना और प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश) नियम 2011 के तहत दिया जा रहा है, जो आपको सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 85 (2) के तहत आरोपित करने के लिए उत्तरदायी बनाता है।'

 

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