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हवाई जहाज से आई बिल्ली, नियम समझ लीजिए, कैसे हो पाया ये काम

अपने पालतू कुत्‍ते, बिल्‍ली या किसी अन्‍य जानवर के साथ हवाई सफर करने का मन हर किसी का होता हैं। ऐसे में आइये जान लेते है भारत में इसको लेकर क्या नियम है।

Pets Policy of Indian airlines

पालतू जानवरों के साथ हवाई यात्रा, Image Credit: x/@KochiAirport

कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CIAL) कल से बहुत चर्चा में है। यहां गुरुवार को एक प्यारी सी बिल्ली ईवा का स्वागत किया गया। यह बिल्ली नए एनिमल क्वारंटीन एंड सर्टिफिकेशन सर्विसेज (AQCS) सर्टिफिकेशन के तहत दोहा से कोचिन पहुंची है। एक साल की मिक्स नस्ल की ईवा इस सिस्टम के तहत आने वाली पहली बिल्ली है। इस कदम को एयरपोर्ट के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि अब पालतू जानवरों के लिए इंपोर्ट और एक्सपोर्ट सर्विस आरामदायक होगी।

 

CIAL पूरी तरह से पालतू स्टेशन, वेटेरीनरी सपोर्ट और क्वारंटाइन सेंटर की सर्विस पेश करता है। इस सर्विस के जरिए पालतू जानवरों के लिए केरल से यात्रा करना आसान हो जाता हैं। बता दें कि ईवा को एयर इंडिया की उड़ान AI 954 से कोच्चि लाया गया। इस सर्विस के जरिए पालतू जानवरों की यात्रा और भी बेहतर बन गई है। ऐसे में आइये जान लेते है कि यह कैसे मुमकिन हो पाया और भारत में इसको लेकर नियम क्या है? 

दोहा टू कोचीन, कैसे आई ईवा? 

बिल्ली को दोहा से के ए रामचंद्रन लेकर आए , जो कतर में 34 साल बिताने के बाद केरल वापस आ गए हैं। रामचंद्रन ने बताया कि विदेश से पालतू जानवर को भारत लाने का प्रोसेस बहुत कठिन है। उन्होंने बताया कि वेटेरीनरी डॉक्टर से चेकअप करवाने के बाद ईवा के लिए एक पालतू जानवर का पासपोर्ट जारी किया गया। इस पासपोर्ट में ईवा की उम्र समेत सभी जानकारियां उपलब्ध थी। इसके बाद एयर इंडिया एयरलाइन को एक एप्लीकेशन सबमिट किया गया। 

 

इस एप्लीकेशन के साथ ईवा की वेक्सीनेशन सर्टिफिकेट, हेल्थ सर्टिफिकेट और मालिक का फ्लाइट टिकट समेत पासपोर्ट भी अटैच किया गया। बता दें कि वेटेरीनरी डॉक्टर द्वारा जारी किए गए डॉक्यूमेंट्स की वैलिडिटी महज 7 दिन की होती है। इन 7 दिनों के बीच ही आप अपने जानवर के साथ यात्रा कर सकते है। इसके अलावा भारत में पालतू जानवर लाने के लिए केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय के तहत एनिमल क्वारंटाइन और सर्टिफिकेशन सर्विस से एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी प्राप्त करना होता है। 

 

क्या ईवा का लगा टिकट?

रामचंद्रन ने बताया कि बिल्ली को फ्लाइट टिकट की जरूरत नहीं थी लेकिन उसे विमान में अपने साथ ले जाने के लिए 340 कतरी रियाल देने पड़े। बता दें कि यह कीमत पालतू जानवर के वजन और उसके बैग पर निर्भर करता है। ईवा का वजन 3 किलो था और उसके बैग का वजन 2 किलो था जिसके हिसाब से रामचंद्रन को 340 रियाल की कीमत देनी पड़ी। बिल्ली को उनके साथ सीट के नीचे रखा गया था। इसके अलावा बिल्ली को न तो दोहा में और न ही कोच्चि में क्वारंटाइन किया गया क्योंकि ईवा के सभी जरूरी दस्तावेज और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट थे। 

भारत में क्या है नियम?

पूरे भारत में हजारों लोग अपने पालतू जानवर कुत्ते और बिल्लियों के साथ यात्रा करने का सपना देखते हैं। सवाल यही आता है कि 'अपने कुत्ते के साथ हवाई यात्रा कैसे करें?' ऐसे में आइये जान लेते है कि भारत में इसको लेकर क्या नियम और प्रक्रिया है? बता दें कि भारत में दो एयरलाइंस ऐसी हैं जो आपको अपने चहेते पालतू जानवर के साथ हवाई सफर की इजाजत देती हैं। लेकिन हवाई सफर को लेकर इन एयरलाइंस की कुछ शर्ते हैं, जिन्‍हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।

 

एयर इंडिया और अकासा भारत की दो ऐसी एयलाइंस हैं जो यात्रियों को उनके पालतू जानवरों के साथ हवाई सफर की इजाजत देती हैं। एयर इंडिया में आप अपने कुत्ते, बिल्ली और चिड़ियों के साथ हवाई सफर कर सकते हैं। वहीं अकासा एयरलाइन केवल पालतू कुत्‍ते और बिल्लियों को अपने विमान में ऑनबोर्ड होने की इजाजत देती है। दोनों एयरलाइंस बड़े साइज वाले पालतू जानवरों को कार्गो के जरिए भी हवाई सफर की सर्विस पेश कराती हैं। 

कितने उम्र वाले पालतू जानवरों के साथ कर सकते हैं हवाई सफर?

  • एयर इंडिया- आठ सप्‍ताह या इससे अधिक उम्र के पालतू जानवरों को हवाई सफर की इजाजत देती है।
  • अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट में सिर्फ तीन माह या इससे अधिक उम्र वाले पालतू जानवरों को ही बोर्ड होने की इजाजत है।
  • फ्लाइट डिपार्चर से 48 घंटे पहले यात्री को इस बात की जानकारी एयरलाइंन को उपलब्‍ध करानी होती है।
  • पालतू जानवर का वैक्सिनेशन और हेल्‍थ सर्टिफिकेट भी एयरलाइंस को उपलब्‍ध कराना महत्वपूर्ण है।
  • दोनों सर्टिफिकेट फ्लाइट डिपार्चर से 72 घंटे से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए।
  • अपने पालतू जानवर का भुगतान एक्‍ट्रा बैगेज के तौर पर करना होगा।
  • आपके पालतू जानवर के वजन और उसके बैग के वजन के साथ आपको उसका भुगतान करना होगा।
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