आज 17 अप्रैल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की। यह रेड विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन से जुड़े एक मामले की जा रही है। FCRA विदेशी फंडिंग को नियंत्रित करता है और इसका उल्लंघन गंभीर अपराध माना जाता है। यह छापेमारी 16 अप्रैल को दर्ज एक केस के आधार पर की गई, जिसमें AAP पर विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग का आरोप है। CBI ने पाठक के आवास पर सुबह छापेमारी शुरू की और जांच अभी जारी है।
हाल ही में नियुक्त हुए थे सह-प्रभारी
दुर्गेश पाठक को हाल ही में AAP ने गुजरात विधानसभा चुनाव 2027 के लिए सह प्रभारी नियुक्त किया था। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और पार्टी महासचिव संदीप पाठक, ने इस छापेमारी को 'BJP का गंदा खेल' और 'AAP की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने की साजिश' बताया। आतिशी ने कहा, 'गुजरात में AAP ही BJP को चुनौती दे सकती है और यह रेड उनकी घबराहट दिखाती है। हम उनकी धमकियों से नहीं डरते।' आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 'BJP का गंदा खेल फिर शुरू हो गया है।'
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अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी
बता दें कि दुर्गेश पाठक AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के राजेंद्र नगर से विधायक हैं। वह पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य भी हैं और अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी माने जाते हैं। वह पहले दिल्ली शराब नीति घोटाले में आरोपी थे, जिसमें उन पर गोवा चुनाव में किकबैक फंड के उपयोग का आरोप था। सितंबर 2024 में उन्हें इस मामले में जमानत मिल चुकी है।
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दिल्ली शराब नीति मामला और दुर्गेश पाठक
दिल्ली शराब नीति मामले में जब अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई थी तो दुर्गेश पाठक भी इस मामले में CBI के रडार पर आए थे। CBI ने दावा किया कि पाठक ने पार्टी के कुछ वित्तीय लेनदेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पाठक से 2023 में CBI ने इस मामले में पूछताछ की थी। उनसे दिल्ली और अन्य स्थानों पर कई घंटों तक सवाल-जवाब किए गए। CBI ने पाठक के बैंक अकाउंट्स और उनके द्वारा संभाले गए AAP के वित्तीय मामलों की भी जांच की थी।