• NEW DELHI 04 Apr 2025, (अपडेटेड 04 Apr 2025, 11:03 AM IST)
एक रिपोर्ट बताती है कि फरवरी की तुलना में मार्च में 42 लाख नौकरियां घट गईं हैं। यह वो लोग हैं जिनकी नौकरियां चली गई हैं या उन्होंने नौकरी ढूंढना ही बंद कर दिया है।
प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
देश में नौकरियां भी घट रहीं हैं और नौकरी ढूंढने वाले भी। रोजगार पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च में करीब 42 लाख नौकरियों पर संकट आया है। इनमें से कुछ की नौकरियां चली गईं तो कुछ ने नौकरी ढूंढना ही बंद कर दिया।
रिपोर्ट बताती है कि फरवरी में लेबर मार्केट में 45.77 करोड़ लोग थे, जो मार्च में घटकर 45.35 करोड़ हो गए। इसका मतलब हुआ कि फरवरी के मुकाबले 42 लाख लोग लेबर मार्केट से बाहर हो गए। यह आंकड़ा नवंबर 2024 के बाद सबसे ज्यादा है।
CMIE की रिपोर्ट से पता चलता है कि दिसंबर के बाद से लगातार नौकरियों में गिरावट देखने को मिल रही है। इससे मंदी का संकेत मिलता है।
और तो और, मार्च में बेरोजगारों की संख्या भी 36 लाख कम हो गई। फरवरी में जहां बेरोजगारों की संख्या 3.86 करोड़ थी, वह मार्च में घटकर 3.5 करोड़ पर आ गई। माना जा रहा है कि नौकरियों की कमी के कारण यह 36 लाख लोग लेबर मार्केट से बाहर हो गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 4 साल से बेरोजगारों की संख्या हर महीने औसतन 9.90 लाख बढ़ रही थी। यानी, हर महीने करीब 10 लाख बेरोजगार बढ़ रहे थे। हालांकि, अब बेरोजगारों की संख्या घट रही है। इस कारण जो बेरोजगारी दर फरवरी में 8.4% थी, वह मार्च में घटकर 7.7% रह गई।
आमतौर पर बेरोजगारी दर में गिरावट आने से पता चलता है कि बाजार में नौकरियां हैं। मगर यहां ऐसा नहीं है। वह इसलिए, क्योंकि बेरोजगारी के साथ-साथ रोजगार के मौके भी कम हो रहे हैं। दिसंबर 2024 में काम के लिए उपलब्ध आबादी में से 38 फीसदी के पास रोजगार था। मार्च में यह घटकर 37.7 फीसदी पर आ गई।
वहीं, नौकरी डॉट कॉम की रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च में व्हाइट कॉलर जॉब्स में नई हायरिंग की संख्या स्थिर ही रही। पिछले साल की तुलना में इस साल मार्च में AI और मशीन लर्निंग वाली नौकरियों में 25 फीसदी ज्यादा हायरिंग हुई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च में होली और ईद की छुट्टी होने के बावजूद सभी सेक्टर में व्हाइट कॉलर की नौकरियों में भर्तियां बढ़ीं हैं। हालांकि, कुछ सेक्टर में गिरावट भी देखने को मिली है। इनमें रिटेल में 13 फीसदी, ऑयल और गैस में 10 फीसदी और एजुकेशन में 14 फीसदी कम भर्तियां हुईं हैं।