मई 2025 के अंत तक भारत में कोरोना के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि, ज्यादातर संक्रमण मामूली हैं और मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बढ़ोतरी के पीछे NB.1.8.1, LF.7 और JN.1 जैसे नए वेरिएंट्स जिम्मेदार हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना मामलों को देखते हुए तैयारियां शुरू हो गई हैं। दिल्ली में सभी अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके पास पर्याप्त बेड, ऑक्सीजन, दवाएं और वैक्सीन मौजूद हों। केरल में सभी अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, खासकर उन लोगों के लिए जो खांसी या फ्लू जैसे लक्षणों से परेशान हैं। वहीं, उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए सभी 13 जिलों को सतर्क रहने और अस्पतालों में जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।

कहां कितने मामले?
केरल में सबसे ज्यादा 273 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। तमिलनाडु में 66 सक्रिय मामले सामने आए हैं, जिनमें NB.1.8.1 वेरिएंट का एक केस भी शामिल है। महाराष्ट्र में 56 मामले हैं, खासकर मुंबई, ठाणे और पुणे में तेजी देखी गई है। दिल्ली में तीन साल बाद 23 नए मामले सामने आए हैं। कर्नाटक में 13 से 35 के बीच सक्रिय मामले हैं और बेंगलुरु में एक 9 महीने का बच्चा भी संक्रमित पाया गया है। गुजरात में 7 सक्रिय मामलों में से 4 LF.7 वेरिएंट से जुड़े हैं। आंध्र प्रदेश में फिलहाल 4 मामले हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में मिलाकर 4 से अधिक मामले सामने आए हैं।
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JN.1 वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले
भारत में कोरोना के कुछ नए वेरिएंट्स सामने आए हैं। तमिलनाडु में अप्रैल में NB.1.8.1 वेरिएंट का एक मामला पाया गया, जबकि गुजरात में मई में LF.7 वेरिएंट के चार केस मिले हैं। फिलहाल देश में सबसे ज्यादा मामले JN.1 वेरिएंट के हैं, जो कुल मामलों का करीब 53% हिस्सा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने NB.1.8.1 और LF.7 को 'Variants Under Monitoring' यानी निगरानी में रखे गए वेरिएंट्स की कैटगरी में रखा है। इसका मतलब यह है कि इन पर नजर रखी जा रही है लेकिन अभी तक ये कोई बड़ी चिंता का कारण नहीं बने हैं।
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सावधानी बरतें
कोरोना से बचाव के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर आपको बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द या थकान जैसे हल्के लक्षण महसूस हों, तो उन्हें नजरअंदाज न करें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क जरूर पहनें और हाथों को साफ रखने का ध्यान रखें। जिन लोगों को बूस्टर डोज़ लगनी है, वे जल्द से जल्द टीकाकरण करवा लें। बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को खास तौर पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।