असम-महाराष्ट्र में बैन तो कहां है गोमांस खाने की इजाजत? पढ़ें
भारत के कुछ राज्यों में गोमांस खाया जाता है। देश के पूर्वी हिस्से से लेकर दक्षिण तक कई ऐसे राज्य हैं जहां गो मांस की खरीद-बिक्री होती है, वहां गोमांस खाना अपराध नहीं है।

जिन गायों को फिट फॉर स्लटर सर्टिफिकेट मिल जाता है, उन्हें ही मारा जा सकता है। (तस्वीर- प्री पिक)
असम और महाराष्ट्र में गो हत्या पर अब प्रतिबंध लागू होगा। किसी भी रेस्टोरेंट, होटल या सार्वजनिक समारोहों में गोमांस नहीं परोसा जाएगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 4 दिसंबर को ऐलान किया था, 5 दिसंबर को शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी यही ऐलान किया है। भारत के ज्यादातर राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध है। हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म में गाय को पवित्र पशु माना गया है।
वैदिक से लेकर लौकिक साहित्य तक, गाय की महिमा ऋषि-मुनियों ने गाई है। गोहत्या को सबसे बड़ा पाप भी कहा गया है। देवताओं से तपस्या के बाद लोग 'गोधन' मांगते थे। धार्मिक वजहों से अलग गायों के संरक्षण पर लोग इसलिए भी जोर देते थे क्योंकि यह आजीविका और पोषण का साधन थी। आधुनिक भारत में गो मांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग हिंदूवादी संगठन करते रहते हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से लेकर निश्चलानंद तक यह मांग करते रहे हैं कि देश में गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
देश की संसद से कोई ऐसा अधिनियम पास नहीं हुआ है जो पूरे देश में गो हत्या को अवैध घोषित करे या बैन लगा दे। साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि किशन ने 'द बैन ऑन काउ स्लटर बिल, 2019' लाने के लिए संसद में प्रस्ताव रखा था लेकिन इस पर कानून नहीं बना है। गो हत्या पर बैन करने की मांग देश में अक्सर उठती रहती है। आइए जानते हैं उन राज्यों के बारे में, जहां गोमांस पर प्रतिबंध नहीं है।
किन राज्यों में गोमांस पर नहीं है बैन?
केरल और पश्चिम बंगाल में गो हत्या पर बैन नहीं है। यहां गोमांस की खरीद बिक्री होती है। पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में गोमांस प्रतिबंधित नहीं है। अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और मणिपुर में भी गोमांस खाया जाता है। यहां गोमांस लोग जमकर खाते हैं, कोई प्रतिबंध कानूनी तौर पर लागू नहीं है। मणिपुर के महाराजा ने साल 1939 में गो हत्या पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन यहां लोग जमकर बीफ खाते हैं।
किन राज्यों में बैन है गो हत्या?
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गोहत्या बैन है। गाय और बछड़े नहीं खाए और परोसे जा सकते हैं। अगर बैल की उम्र ज्यादा हो गई है, उसके लिए फिट फॉर स्लटर सर्टिफिकेट दिया गया है तो उसे मारा जा सकता है। जो लोग इसका उल्लंघन करेंगे, उन्हें 1000 रुपये का फाइन और 6 महीने की जेल हो सकती है।
असम में बैन गोमांस
असम में अब गोमांस बैन है। पहले मंदिरों और धार्मिक परिसरों के पास बैन था, अब इसे सार्वजनिक मंचों, होटलों और रेस्त्रां में भी बैन कर दिया गया है। अब पूरे राज्य में गोमांस पर बैन है।
बिहार
बिहार में भी गोवध अपराध है। गाय और बछड़ों को मारने पर प्रतिबंध है। जो सांड 15 साल से ज्यादा बूढ़े हो गए हैं, उन्हें मारा जा सकता है। जो लोग इस आदेश का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, उन्हें 6 महीने की जेल होती है और 1000 रुपये फाइन भी लगाया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में गोवध पर बैन है। 7 साल की सजा हो सकती है, 10000 रुपये का फाइन देना पड़ सकता है।
पंजाब
पंजाब में बाहर से आयातित बीफ पर प्रतिबंध नहीं है। पुराने बैल,सांड मारे जा सकते हैं। स्वस्थ गाय का मीट के लिए मारा नहीं जा सकता है।
दिल्ली
दिल्ली में गोहत्या पर प्रतिबंध है। दिल्ली में गोमांस रखना भी अपराध है।
चंडीगढ़
चंडीगढ़ में गोमांस पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। बीफ भी बैन है।
राजस्थान
राजस्थान में गोहत्या पर रोक है। दोषी को 10 साल की जेल हो सकती है, 10000 फाइन है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में गाय, सांड, भैंस और बछड़े का मांस प्रतिबंधित है। ट्रांसपोर्ट और एक्सपोर्ट भी बैन है। जो लोग इस कानून को तोड़ेंगे, उन्हें 7 साल की जेल हो सकती है, वहीं 50000 रुपये फाइन भी देना पड़ सकता है।
गुजरात
गुजरात में गोहत्या पर 7 साल की जेल हो सकती है। 50000 रुपये का फाइन भी देना पड़ सकता है। यहां ट्रांसपोर्ट और सेल भी बंद है। भैंस के मांस पर प्रतिबंध नहीं है।
हरियाणा
हरियाणा में साल 2015 के कानून के मुताबिक गाय में सांड, बैल और बछड़े भी शामिल हैं। गोवंश पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। कानून तोड़ने वालों को 3 से 10 साल की जेल हो सकती है। 1 लाख का फाइन भी देना पड़ सकता है।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में गोहत्या पर 5 साल की जेल हो सकती है।
जम्मू और कश्मीर
जम्मू और कश्मीर में गोहत्या पर 10 साल की सजा हो सकती है।
झारखंड
झारखंड में गोवंश प्रतिबंधित है। दोषी को 10 जाल की जेल हो सकती है, या 10000 फाइन देना पड़ सकता है।
कर्नाटक
कर्नाटक में बीजेपी गोहत्या के खिलाफ विधेयक लेकर आई थी लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे पास नहीं किया। साल 2010 में बीजेपी ने गो हत्या पर 7 साल की सजा देने का प्रावधान तय किया था। कर्नाटक में बूढ़ी या रोगी गाय को मारा जा सकता है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में गो हत्या पूरी तरह से प्रतिबंधित है। दोषी को 7 साल की सजा हो सकती है। भैंस के मांस पर प्रतिबंध नहीं है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में गो हत्या पर प्रतिबंध लागू है। देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया है कि यह कानून और सख्त होगा। जो दोषी होंगे उन्हें 5 साल की सजा होगी और 10000 रुपये फाइन देना पड़ेगा।
ओडिशा
ओडिशा में गो हत्या पर 2 साल की सजा हो सकती है और 1000 फाइन लग सकता है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में गो हत्या पर 3 साल की सजा हो सकती है। बीफ खाने पर प्रतिबंध नहीं है।
किन परिस्थितियों में गो हत्या की मिलती है इजाजत?
जिन राज्यों में गो हत्या के खिलाफ कठोर कानून नहीं हैं, वहां गोवध से पहले 'फिट फॉर स्लटर' सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है। गोवंश के पशुओं के लिए भी यह सर्टिफिकेट लिया जाता है। जैसे पंजाब और कर्नाटक में ही उन पशुओं के लिए फिट टू स्लटर सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है, जिन्हें मांस के लिए काटा जाना है।
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