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CRED ने धोखाधड़ी में गंवाए 12 करोड़ रुपये, गुजरात से हुई चोरी

जांच में पता चला कि आरोपियों ने एक्सिस बैंक के साथ खाता की जानकारी में हेरफेर करके ड्रीमप्लग के बैंक खातों तक अवैध तरीके से धोखाधड़ी की।

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क्रेड के साथ हुई धोखाधड़ी। Source- Freepic

बेंगलुरु में क्रेडिट कार्ड और बिल पेमेंट करने वाली कंपनी क्रेड (Cred) के साथ बहुत बड़ा फ्रॉड हो गया है। क्रेड से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। इस धोखाधड़ी के आरोप में बेंगलुरु पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। 

दरअसल, क्रेड की मूल कंपनी ड्रीमप्लग पेटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी नरसिम्हा वसंत शास्त्री की शिकायत के बाद पुलिस ने ये गिरफ्तारियां की हैं।  

गुजरात के हैं फ्रॉड

जो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं उनमें राजकोट के एक्सिस बैंक के ब्रांच में रिलेशनशिप मैनेजर वैभव पिथाडिया, सूरत की बैंकिंग एजेंट परमार नेहा बेन विपुलभाई, राजकोट का बीमा एजेंट और पिथाडिया का सहयोगी शैलेश और राजकोट का ही कमीशन एजेंट शुभम शामिल हैं।

कैसे हुआ मामले का खुलासा

मामले का खुलासा तब हुआ जब पिछले महीने ड्रीमप्लग के अधिकारियों ने कंपनी के खातों में संदिग्ध लेनदेन का पता चला। क्रेड के मुंबई और बेंगलुरु में कार्यालय हैं। ऑनलाइन भुगतान करने वाली कंपनी ने बताया कि साल 2021 में खोले गए उसके दो एक्सिस बैंक के खातों- एक चालू खाता और एक नोडल खाता- से 12.2 करोड़ रुपये धोखाधड़ी से निकाले गए थे।

एक्सिस बैंक के साथ खाता की जानकारी में हेरफेर

जांच में पता चला कि आरोपियों ने एक्सिस बैंक के साथ खाता की जानकारी में हेरफेर करके ड्रीमप्लग के बैंक खातों तक अवैध तरीके से धोखाधड़ी की। बताया गया है कि आरोपियों ने क्रेड से धोखाधड़ी करने के लिए जाली हस्ताक्षर, मुहर और बोर्ड के प्रस्तावों सहित नकली दस्तावेज जमा करके सबकी आखों में धूल झोक दिया। साथ ही उन्होंने क्रेड के खातों से जुड़े पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी में बदलाव किया। 

15.2 करोड़ करना चाहते थे ट्रांसफर

अक्टूबर और नवंबर के बीच 37 बाद धोखाधड़ी वाले लेनदेन किए गए हैं। जबकि इस दौरान 15.2 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की कोशिश की गई। हालांकि, आरोपी इस कोशिश में 12.2 करोड़ रुपये ही निकाले पाए। क्रेड के बैंक खाते की जानकारी बदलने का पहला अनुरोध 22 जुलाई को गुजरात के अंकलेश्वर में एक्सिस बैंक की एक शाखा में किया गया था। इसके बाद 12 अक्टूबर को सूरत के अब्रामा में एक दूसरे ब्रांच में दूसरा अनुरोध किया गया।

जांच के दौरान पुलिस ने कहा है कि आरोपियों ने ईमेल आईडी के जरिए सभी महत्वपूर्ण जानकारिया प्राप्त कीं, इसके बाद भी कंपनी को गंभीरता से सोचना चाहिए था, क्योंकि ड्रीमप्लग की सभी गतिविधियां बेंगलुरु से संचालित होती हैं।

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