दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज 4 लागू है लेकिन अभी तक दिल्ली की हवा साथ नहीं है। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद जैसे शहरों में आलम ये है कि AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ज्यादातर जगहों पर धुंध छाई है और दृश्यता कम है।
मंगलवार सुबह भी हालात बेहतर नहीं हुए हैं। सुबह 7 बजे तक AQI के आकंड़े 500 पर थे। यह गंभीर से ज्यादा खराब स्थिति है। दिल्ली में बीते 7 दिनों से धुंध की गहरी परत छाई है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सोमवार को वायु प्रदूषण को लेकर राज्य और केंद्र सरकारों को एक एडवाइजरी जारी की है। सरकारों से जल्द प्रदूषण से निपटने के लिए बेहतर नीति बनाने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से लेकर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय तक, अब 22 नवंबर तक ऑनलाइन मोड में कक्षाएं चलाएंगे।
दिल्ली की हवा पर क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति क्या है। आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और कई अन्य जगहों पर मंगलवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 पार कर गया। आयशा हेल्थ केयर सेंटर के चीफ डॉक्टर शाहिद अख्तर बताते हैं कि यह गंभीर स्थिति है। लोग घरों से कम से कम वक्त के लिए बाहर निकलें, कमजोर इम्युनिटी के लोग खास ख्याल रखें और गर्भवती महिलाएं और बच्चें तो अगर बेहद जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें।
अभी कैसी है दिल्ली की हवा?
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम- AQI- 500
द्वारका सेक्टर8- AQI- 498
मुनका-AQI-500
नॉर्थ कैंपस-AQI- 500
आरके पुरम-AQ-499
वजीरपुर-AQI-500
गुरुग्राम प्रदूषण से कैसे निपट रहा?
- गुरुग्राम में भी AQI गंभीर स्तर पर है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी, तैयारी क्या है?
दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण की स्थिति को हेल्थ इमरजेंसी करार दिया है। संस्थानों से अपील की है कि वह कदम उठाएं, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। मौसम और पराली की मार से जूझ रही जनता के लिए सबको सामूहिक तौर पर आगे आने की जरूरत है।
कैसे काबू में आएगा प्रदूषण?
दिल्ली सरकार का भी मानना है कि GRAP के जरिए प्रदूषण को काबू में किया जाएगा। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि दिल्ली में बारिश के अभी आसार नहीं बन रहे हैं। प्रतिबंधों के जरिए ही दिल्ली का मौसम सुधर सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर क्षोभमंडल से बारिश हो तो जाकर दिल्ली की हवा साफ हो सकती है, टैंकों के जरिए पानी की बौछारें इतनी प्रभावी नहीं हैं।