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पराली कम जली फिर भी सबसे जहरीली हुई दिल्ली की हवा, समझिए कितना है खतरा

IARI के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच सालों में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कई गुना घट गई हैं। इसके बावजूद दिल्ली में हवा का स्तर जहरीला ही है।

Delhi Low Visibility

दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर, Source: PTI

हर साल सर्दी का मौसम शुरू होते ही दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है। कभी दोष दिल्ली की भौगोलिक स्थिति को दिया जाता है तो कभी हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के उन किसानों को जो धान की फसल काटने के बाद उसकी पराली को खेत में ही जला देते हैं। यही वजह है कि बीते कुछ सालों में दिल्ली से पटाखों पर बैन लगाया जा रहा है। पराली जलाने पर भी रोक लगाई जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पंजाब और हरियाणा में पिछले पांच साल में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। इसके बावजूद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जस का तस बना हुआ है। दीपावली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति पर पहुंच गया है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स रविवार को ही 382 तक पहुंच चुका था जो कि मौजूदा समय में देश में सबसे ज्यादा है।

 

आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को सबसे खराब हवा दिल्ली की थी और दूसरे नंबर पर नोएडा था। दिल्ली का AQI जहां 382 था तो नोएडा का AQI 313 तक पहुंच गया। दिल्ली के अलावा राजस्थान, यूपी और हरियाणा के मुख्य शहरों में भी AQI 300 के पार पहुंच गया है जो कि बेहद खतरनाक है। आज सुबह दिल्ली के आनंद विहार में AQI 532 दर्ज किया गया।

400 के पार पहुंचा AQI

 

सोमवार की सुबह AQI के मामले में दिल्ली का रिकॉर्ड और बुरा हो गया। अशोक विहार में 421, बवाना में 405, द्वारका सेक्टर 8 में 410 तो जहांगीरपुर में 414 था। दिल्ली की 20 से ज्यादा जगहें ऐसी रहीं जहां AQI का स्तर 300 के पार रहा। बताते चलें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से विजिबिलिटी कम हो गई है। खतरनाक स्तर का प्रदूषण होने की वजह से लोगों की आंखों में जलन हो रही है और उन्हें सांस लेने में समस्या भी हो रही है।

कम हो रही हैं पराली जलने की घटनाएं

 

इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टिट्यूट (IARI) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच साल में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से कम हुई हैं। पराली जलाने की घटनाएं कम करने के मामले में पंजाब सबसे आगे हैं। 2020 की तुलना में पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 10 गुना कमी आ गई है। वहीं, हरियाणा में भी लगभग 3 गुना से ज्यादी कमी आई है। पंजाब में साल 2020 में पराली जलाने की 43994 दर्ज की गई थीं। इस साल अब तक सिर्फ 4132 घटनाएं ही दर्ज की गई हैं। 2023 में कुल 12813 घटनाएं ही सामने आईं। ये आंकड़े 15 सितंबर से 3 नवंबर तक के हैं।

 

इस साल के आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा पंजाब में 4132 घटनाएं, उत्तर प्रदेश में 1288 घटनाएं और हरियाणा में पराली जलाने की 857 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इस बारे में IARI के एक वैज्ञानिक का कहना है, 'आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाएं थोड़ी बढ़ जरूर सकती हैं लेकिन सैटलाइट डेटा के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि कुल मिलाकर पराली जलाने के मामलों में कमी आई है।'

 

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो-तीन दिन तक दिल्ली की हवा खराब ही बनी रहेगी। हवा की रफ्तार कम होने के चलते सुधार की गुंजाइश कम है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए बिना PUC वाली गाड़ियों के चालान बड़ी संख्या में काटे जा रहे हैं। इसके अलावा, अवैध डंपिंग साइट, कचरा जलाने और कंस्ट्रक्शन साइटों के खिलाफ भी लगातार एक्शन हो रहा है।

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