logo

ट्रेंडिंग:

दिल्ली में 'चलताऊ सीएम' पर सियासत! जानिए कैसे होती है CM की नियुक्ति

दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी को चिट्ठी लिखकर कहा कि केजरीवाल ने आपको चलताऊ सीएम कहा, जिससे वो आहत हैं। इस पर आतिशी ने भी पलटवार किया।

Atishi

दिल्ली की सीएम आतिशी। (फाइल फोटो-PTI)

दिल्ली में चुनी हुई सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर जंग छिड़ गई है। हालांकि, इस बार जंग किसी नियम-कायदे या कानून व्यवस्था को लेकर नहीं, बल्कि तारीफ-आलोचना पर शुरू हो गई है।


दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को मुख्यमंत्री की आतिशी की तारीफ करते हुए एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि पहली बार मुख्यमंत्री पद पर बैठे किसी व्यक्ति को काम करते देखा है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मीडिया में आपको अस्थाई कामचलाऊ सीएम कहा। ये उन्हें अपमानित लगा और इससे वो बहुत आहत हुए। एलजी सक्सेना ने कहा कि ये न केवल उनका अपमान था, बल्कि राष्ट्रपति का भी अपमान था।


इस पर आतिशी ने जवाब देते हुए कहा कि लोकतंत्र में चुने हुए सभी प्रतिनिधि अस्थाई होते हैं। इसके साथ ही आतिशी ने तंज कसते हुए लिखा कि गैरजरूरी टोकाटाकी ने काम को धीमा कर दिया है।


अब जब दिल्ली में मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच फिर जंग शुरू हो गई है तो आखिर जानते हैं कि दिल्ली में मुख्यमंत्री की नियुक्ति कैसे की जाती है? और बाकी राज्यों से ये कितनी अलग है?

दिल्ली में CM की नियुक्ति कैसे होती है?

दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है। संविधान के अनुच्छेद 239AA के तहत दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। इसके तहत राज्यपाल को 'उपराज्यपाल' का नाम दिया गया। दिल्ली में मुख्यमंत्री की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 239AB के तहत होती है। उपराज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति मुख्यमंत्री की नियुक्ति करते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति ही कैबिनेट का भी गठन करते हैं।


दिल्ली से उलट बाकी राज्यों में मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल की ओर से की जाती है। विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन के नेता को मुख्यमंत्री चुना जाता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करते हैं। मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल ही कैबिनेट का गठन करते हैं।

दिल्ली में क्यों होता है CM-LG में टकराव?

दिल्ली की सरकार बाकी राज्यों की तरह काम नहीं करती है। यहां उपराज्यपाल ही सुपरबॉस होता है। दिल्ली में पुलिस, जमीन और कानून-व्यवस्था को छोड़कर बाकी सभी मामलों पर कानून बनाने का अधिकार चुनी हुई सरकार के पास है। उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना दिल्ली सरकार कोई कानून लागू नहीं कर सकती। इसके अलावा, दिल्ली की नौकरशाही और अफसरों की ट्रांसपोर्ट-पोस्टिंग का अधिकार भी उपराज्यपाल के पास है। यही कारण है कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार और उपराज्यपाल के बीच अक्सर टकराव होता रहता है।

सितंबर में मुख्यमंत्री बनी थीं आतिशी

इसी साल 21 मार्च को दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। केजरीवाल कई महीनों तक जेल में रहे थे। जेल से बाहर आने के बाद 15 सितंबर को केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान किया था। दो दिन बाद 17 सितंबर को आतिशी मुख्यमंत्री बनीं। कालकाजी सीट से विधायक आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap