• NEW DELHI 13 Oct 2025, (अपडेटेड 13 Oct 2025, 12:18 PM IST)
CBI ने कोर्ट में कहा कि लालू यादव और उनका परिवार लैंड फॉर स्कैम केस में शामिल है। जमीन के बदले IRCTC की संविदा का सौदा का सौदा किया गया है।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव। (Photo Credit: PTI)
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित IRCTC स्कैम केस में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी, उनके बेटे तेजस्वी यादव और कई अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने की अदलात ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं। तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी पर कई अन्य मामलों के तहत आरोप तय किए गए हैं।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया है। अब इस केस का ट्रायल शुरू होगा। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पूर्व रेल मंत्री लाल यादव और उनके परिवार ने प्राइवेट फर्म को कॉन्ट्रेक्ट देने के नाम पर अहम जगहों पर जमीनें लीं। यह तब हुआ, जब लाल यादव ही रेल मंत्री थे।
लालू यादव साल 2004 से लेकर 2009 तक रेल मंत्री थे। इस दौरान रेलवे के रांची और पुरी के दो होटलों के ठेके एक प्राइवेट कंपनी को नियमों को ताक पर रखकर दिए गए थे। इसके बदले में उस कंपनी ने कथित तौर पर लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव से जुड़ी कंपनी को बेहद कम कीमत पर कीमती जमीन दी।
CBI के तर्क क्या हैं?
जमीन की कीमत करोड़ों में थी लेकिन बहुत कम दाम पर इसका ट्रांसफर किया गया। CBI का कहना है कि यह सब एक साजिश के तहत हुआ। सीबीआई ने कोर्ट में सबूत भी पेश किए हैं।
राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी। (Photo Credit: PTI)
लालू परिवार क्या कह रहा है?
लालू यादव और उनके परिवार का कहना है कि उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है। यह मामला राजनीतिक कारणों से उछाला जा रहा है। उन्होंने कोर्ट में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। अब इस केस का ट्रायल शुरू होगा।
लालू, तेजस्वी, राबड़ी तीनों कोर्ट में हुए पेश
24 सितंबर को अदालत ने आरोप तय करने के अपने आदेश के लिए सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। तीनों राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए थे। लालू यादव पेशी के दौरान व्हील चेयर पर बैठे नजर आए।
CBI की चार्जशीट में क्या है?
CBI ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि 2004 और 2014 के बीच एक साजिश रची गई थी जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया। बाद में, इनके संचालन, रखरखाव और देखभाल के लिए, बिहार के पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई। सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया।
और किन अधिकारियों के नाम हैं?
IRCTC के ग्रुप मैनेजर रहे वीके अस्थाना, आर के गोयल और सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर के भी नाम हैं। डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को अब लोग लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जानते हैं। सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी चार्जशीट में आरोपी कंपनियों के रूप में नामित किया गया है।