दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल इन दिनों महिलाओं से वादा कर रहे हैं। उनका वादा है कि जल्द ही महिलाओं के खाते में हर महीने 1000 रुपये आने लग जाएंगे। 'मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना' का ऐलान दिल्ली सरकार ने काफी पहले किया था लेकिन तमाम वजहों से यह रुकी रही। महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना के चलते सत्ताधारी गठबंधन को हुए फायदे को देखते हुए AAP ने फिर इसे लेकर जोर देना शुरू कर दिया था लेकिन अब ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल इस योजना को लागू नहीं करवा पाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के वित्त विभाग ने इस योजना को लेकर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं और कहा है कि इससे सरकार पर 4650 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ेगा जिसे सह पाना सरकार के लिए ठीक नहीं होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री आतिशी को बताया है कि इस योजना के लिए सालाना खर्च लगभग 4650 करोड़ रुपये आएगा और इस तरह से दिल्ली सरकार का सब्सिडी पर खर्च बढ़ जाएगा। अभी तक दिल्ली सरकार हर साल लगभग 11 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी पर खर्च कर रही है। वित्त विभाग का कहना है ऐसा करने से 2025-26 के लिए दिल्ली और कर्ज में जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग ने हाल ही में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना से संबंधित एक ड्राफ्ट नोट मंत्रिमंडल के सामने रखा है। इस अनुमान के मुताबिक, इस योजना में लगभग 8 लाख महिलाएं लाभार्थी हो सकती हैं। मंत्रिमंडल के सामने दिए गए नोट में अडिशनल चीफ सेक्रेटरी (वित्त) ने लिखा है कि इससे दिल्ली की वित्तीय शक्तियां कम हो जाएंगी।
पिछले साल हुआ था योजना का ऐलान
बताते चलें कि मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का ऐलान साल 2024-25 के मार्च महीने में किया गया था और इसके लिए 2000 करोड़ रुपये का बजट भी रखा गया था। हालांकि, अरविंद केजरीवाल के जेल जाने और कैबिनेट के फैसले न हो पाने की स्थिति में यह योजना अटक गई थी। अब वित्त विभाग ने कहा है कि अगर दिल्ली सरकार को अपने वादे पूरे करने हैं तो उसे वित्त मामलों में सख्ती बरतनी होगी। एक और बात खास है कि अन्य राज्यों की तरह दिल्ली की सरकार नेशनल स्मॉल सेविंग फंड के अलावा और कहीं से लोन भी नहीं ले सकती है और इससे लोन लेना काफी महंगा पड़ता है।
वित्त विभाग का कहना है कि दिल्ली सरकार मौजूदा समय में अपना 15 पर्सेंट बजट सब्सिडी पर खर्च कर रही है। अगर इस योजना को लागू किया जाता है तो यह खर्च बढ़कर 20 पर्सेंट तक पहुंच जाएगा। बता दें कि इस योजना में उन महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाने हैं जिनकी आय 3 लाख रुपये से भी कम है।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले AAP और अरविंद केजरीवाल की योजना यही है कि इस योजना को लागू किया जाए और महिलाओं को प्रभावित किया जा सके। देखा गया है कि मध्य प्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों को ऐसी योजनाओं का फायदा मिला है।