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दिल्ली में 24 फीसदी मौतें संक्रामक बीमारियों से, बढ़ रहा कैंसर

MCCD की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के अस्पतालों में 24 फीसदी मौतें संक्रामक बीमारियों से हुईं. साथ ही कैंसर का खतरा लगातार बढ़ रहा है.

Delhi hospital death

फोटोः पीटीआई

दिल्ली में अलग-अलग बीमारियों से होने वाली मौतों पर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसने दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की पोल खोल दी है। MCCD यानी 'द मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज़ ऑफ डेथ्स' की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली के अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में होनें वाली कुल मौतों में 24 फीसदी मौतें हैजा, दस्त, तपेदिक और हिपेटाइटिस 'बी' जैसी पैरासाइट से फैलने वाली या संक्रामक रोगों की वजह से हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल दिल्ली में विभिन्न अस्पतालों और संस्थाओं में 88,628 मौतें हुईं जिनमें से 24 फीसदी मौतें इसी तरह के संक्रामक रोगों से हुई थीं।

 

बढ़ रहा है कैंसर

 

'द मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज़ ऑफ डेथ्स' यानी एमसीसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। साल 2023 में कैंसर से मरने वालों की कुल संख्या 2022 की तुलना में 12 फीसदी बढ़ गई। साल 2023 में कैंसर से कुल 6,054 मौतें हुईं जबकि 2022 में यह संख्या 5409 थी।



वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि शिशुओं के मामले में सर्वाधिक मौतें भ्रूण के धीमे विकास और कुपोषण के कारण हुई है। भ्रूण के धीमे विकास के कारण होने वाली मौतों की संख्या 1517 रही है। इसके अलावा निमोनिया से 1373, सेप्टीसीमिया से 1109 और हाइपोक्सिया यानी कि जन्म के समय सांस लेने में दिक्कत की वजह से लगभग 704 बच्चों की जानें गईं। इसके अलावा 5-14 वर्ष की आयु के बच्चों में 29.56 प्रतिशत मृत्यु का कारण संक्रामक और परजीवी रोग है.

 

45 से 65 साल की उम्र में हुई सर्वाधिक मौतें

 

खास बात यह है कि साल 2023 में सबसे ज्यादा मौतें 45 से 65 साल की उम्र के बीच हुई। रिपोर्ट के मुताबिक कुल मौतों में से 32.28 फीसदी यानी 28,611 मौतें इसी आयु वर्ग से हुईं जबकि 29.44 फीसदी मौतें यानी कि 26,096 मौतें 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की हुईं।

 

हर रोज होती हैं 350 से ज्यादा मौतें

 

इसी के साथ दिल्ली में प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ गई है। जहां साल 2022 में यह 351 थी वहीं 2023 में बढ़कर यह 363 हो गई है। इन मौतों में 10 प्रतिशत मौतें सांस संबंधी समस्याओं के कारण हुईं, जबकि 5.94 फीसदी मौतें पाचन तंत्र की बीमारी के कारण हुई हैं।

 

क्या है MCCD रिपोर्ट

 

देश में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 के प्रावधानों के तहत मृत्यु के कारणों की चिकित्सा प्रमाणन (MCCD) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत भारत के महापंजीयक का कार्यालय राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के संबंधित मुख्य रजिस्ट्रारों के जन्म और मृत्यु पंजीकरण कार्यालयों द्वारा एकत्रित, संकलित एवं सारणीबद्ध रूप में मृत्यु के चिकित्सकीय प्रमाणित कारणों पर डेटा प्राप्त करता है।

 

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