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तुगलक लेन को विवेकानंद मार्ग क्यों लिखा? दिनेश शर्मा ने दिया जवाब

शहरों और सड़कों के नाम बदलने की मांग के बीच कुछ बीजेपी नेताओं ने दिल्ली में अपने घर का पता बदल लिया है। साथ ही इसको लेकर अपने तर्क भी पेश किए हैं।

Dinesh Sharma

दिनेश शर्मा| Photo Credit: Dinesh Sharma/X handle

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार आने के बाद से कई जगहों और शहरों के नाम बदले गए हैं। अब यही सिलसिला दिल्ली में भी चल रहा है। दिल्ली में बीजेपी की सरकार आने के बाद प्रस्ताव रखा गया कि नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया जाए। इसके अलावा मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम किया जाए और मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी कर दिया जाए। इस बीच लुटियन दिल्ली में भी केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने खुद ही अपने नेम प्लेट में नया नाम लिख दिया है।

 

हाल ही में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने दिल्ली में स्थित अपने आवास के नेम प्लेट पर वहां का पता बदल दिया है। उनके साथ ही बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने भी अपने आवास के नेमप्लेट पर घर का पता बदल दिया है। 

 

दरअसल, इन दोनों नेताओं का घर दिल्ली में स्थित तुगलक लेन मार्ग पर है। दिनेश शर्मा और  केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने अपने मकान पर लगी नेमप्लेट पर रोड का नाम तुगलक लेन से बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग कर दिया है। हालांकि, तुगलक लेन भी नेमप्लेट पर मौजूद है। दिनेश शर्मा ने इस पर अपनी सफाई भी पेश की है। 

 

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क्या बोले दिनेश शर्मा?

इस पूरे मामले पर उन्होंने कहा, 'यह सामान्य प्रक्रिया है कि जब कोई किसी घर में जाता है तो नाम पट्टिका लगा दी जाती है। मैं वहां नहीं गया था, मैंने नहीं देखा था, जब मुझसे उससे संबंधित लोगों ने पूछा कि किस तरह की नाम पट्टिका होनी चाहिए तो मैंने कहा कि आसपास के हिसाब से होनी चाहिए। आस-पास के घरों पर विवेकानंद मार्ग लिखा था और नीचे तुगलक लेन लिखा था, दोनों एक साथ लिखे थे।'

 

उन्होंने कहा, 'नेमप्लेट पर आज भी तुगलक लेन लिखा है और सुविधा के लिए विवेकानंद मार्ग लिख दिया है। मैंने कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि गूगल पर वह स्थान विवेकानंद रोड आता है, ऐसा इसलिए लिखा है ताकि लोगों को विवेकानंद रोड और तुगलक लेन में भ्रम न हो। मैं जानता हूं कि सांसद को सड़क का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। यह राज्य सरकार और नगर निकाय का काम है, इसके लिए एक प्रक्रिया होती है। मुझे इसे बदलने का न अधिकार था, न है और न ही मैंने यह काम किया है। सामान्य प्रक्रिया में पेंटर ने वही नाम लिखा होगा जो आस-पास के घरों पर लिखा था, इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने कोई स्थान (का नाम) बदला है।' 

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