logo

ट्रेंडिंग:

डॉ मनमोहन और उनके दोस्त, जिन्हें अलग नहीं कर पाया देशों का बंटवारा

विभाजन के बाद भी कभी एक-दूसरे से अलग नहीं हुए। बचपन से ही इन दोनों में गहरी दोस्ती रही थी। मनमोहन सिंह के जिगरी दोस्त पाकिस्तान से भारत खुद मनमोहन सिंह से मिलने आते थे।

पूर्व मनमोहन सिंह अपने बचपन के दोस्त के साथ

पूर्व मनमोहन सिंह राजा मोहम्मद अली के साथ

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को विभाजन से पहले भारत के पंजाब प्रांत के एक छोटे से गांव गाह में हुआ था। जो अब पाकिस्तान में स्थित है। 1947 में विभाजन के समय, वह 14 वर्ष के थे। जब उनका परिवार भारत आ गया। यह पल उनके जीवन में एक बड़ी बदलाव का प्रतीक था। इसके बाद उन्होंने भारत में ही अपनी शिक्षा पूरी की और आगे चलकर एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और देश के प्रधानमंत्री बने। डॉ. मनमोहन सिंह और राजा मोहम्मद अली, जो उन्हें प्यार से ‘मोहना’ बुलाते थे, बचपन में बेहद पक्के मित्र थे। बंटवारे ने इन दोस्तों को अलग कर दिया था। जिससे मनमोहन सिंह भारत आ गए थे तो राजा मोहम्मद का परिवार पाकिस्तान में ही रह गया था।

 

डॉ. मनमोहन सिंह, जो 2008 में प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपने बचपन के दोस्त राजा मोहम्मद अली से उस वर्ष एक खास मुलाकात की थी। यह कहानी केवल दो दोस्तों के पुनर्मिलन की नहीं, बल्कि विभाजन के बाद दोस्तों के बीच दूरी होने के कारण भी एक-दूसरे के बहुत करीब थे। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तो इसकी खबर उनके पैतृक गांव पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गाह में पहुंची। जहां उनके बचपन के दोस्त आज भी मौजूद हैं। उन्हीं दोस्तों में से एक राजा मोहम्मद अली 2008 में मनमोहन सिंह से मिलने पहुंचे थे। 

 

मनमोहन सिंह से मिलने आए थे उनके दोस्त?

मनमोहन सिंह के दोस्त राजा मोहम्मद अली जो पाकिस्तान में रहते थे। उनकी दोस्ती और विभाजन के समय की यादों से जुड़ी हैं। राजा मोहम्मद अली ने 2008 में दिल्ली आकर अपने बचपन के दोस्त मनमोहन सिंह से मुलाकात की जो उस समय भारत के प्रधानमंत्री थे। इस मुलाकात में उन्होंने अपने गांव गाह की तस्वीर मनमोहन सिंह को दी है। जो उनकी बचपन की स्मृतियों और विभाजन के दर्द को जोड़ने का प्रतीक था। राजा मोहम्मद अली की इस यात्रा से यह पता चलता है कि उनकी दोस्ती बेहद पक्की थी जिससे वह अपने बचपन के दोस्त से मिलने इतनी दूर तक आए थे। 

 

गिफ्ट में दी गांव की फोटो? 
राजा मोहम्मद अली ने अपने इस खास दौरे पर मनमोहन सिंह को उनके पैतृक गांव गाह की एक तस्वीर तोहफे में दी। मनमोहन सिंह ने भी राजा मोहम्मद अली को एक पगड़ी, एक शॉल, और टाइटन घड़ियों का एक सेट गिफ्ट में दिया, यह कहानी न केवल दो दोस्तों की मुलाकात की है, बल्कि विभाजन के समय की त्रासदी और मानवीय रिश्तों की मिसाल भी है। यह दर्शाता है कि भले ही देश और समय की दूरी हो लेकिन रिश्तों की गहराई और यादें हमेशा बनी रहती हैं।

 

राजा मोहम्मद अली की दिल्ली यात्रा?
जब डॉ. मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने, तो इसकी खबर उनके पैतृक गांव गाह में भी पहुंची। वहां, उनके बचपन के दोस्त राजा मोहम्मद अली अब भी रहते थे। विभाजन के बाद राजा मोहम्मद अली अपने भतीजे के साथ दिल्ली आए, खास तौर पर अपने बचपन के दोस्त से मिलने।

Related Topic:#Manmohan Singh

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap