चुनाव आयोग ने 4 राज्यों की 6 राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है। ये सभी सीटें मौजूदा सांसदों के इस्तीफे की वजह से खाली हुई थीं। इनमें से तीन सीटों का कार्यकाल 2026 तक और तीन सीटों का कार्यकाल 2028 तक है। चुनाव आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश की 3, ओडिशा की 1, पश्चिम बंगाल की 1 और हरियाणा की एक सीट पर राज्यसभा के चुनाव 20 दिसंबर को होंगे और चुनाव के नतीजे भी उसी दिन आ जाएंगे। चुनाव के नतीजों के बाद भी राज्यसभा में संख्याबल में ज्यादा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि ज्यादातर राज्यों में वही पार्टियां फिर से जीत सकती हैं, जिनके पास ये सीटें थीं।
चुनाव आयोग ने बताया है कि 3 दिसंबर को इस चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन भरने की आखिरी तारीख 10 दिसंबर होगी और नामांकन की जांच 11 दिसंबर को होगी। 13 दिसंबर तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे। चुनाव की तारीख 20 दिसंबर को है। इस दिन सुबह 9 बजे से शाम के 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे और 5 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी।
क्यों हो रहे हैं ये चुनाव?
वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद वेंकटरमन राव मोपीदेवी ने अपने पद से इस्तीफा देकर तेलुगू देशम पार्टी (TDP) का दामन थाम लिया था। ठीक इसी तरह से वाईएसआर सांसद बीधा मस्तान राव यादव ने भी पाला बदला था और टीडीपी में चले गए थे। आंध्र प्रदेश की तीसरी सीट भी वाईएसआर के ही सांसद रहे रियागा कृष्णैया के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। चौथा इस्तीफा ओडिशा के राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार का हुआ था। उन्हें बीजू जनता दल ने पार्टी से बाहर कर दिया था जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।
पांचवीं राज्यसभा सीट पश्चिम बंगाल से खाली हुई है। आरजी कर रेप केस में अपनी ही पार्टी से खिन्न होकर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। छठी सीट हरियाणा की है। कृष्ण लाल पंवार ने 14 अक्तूबर 2024 को अपने पद से इस्तीफा दिया था। दरअसल, वह हरियाणा में बीजेपी विधायक चुने गए थे जिसके बाद उन्होंने राज्यसभा सांसद का पद छोड़ दिया। बाद में उन्हें हरियाणा सरकार में मंत्री भी बनाया गया। इस तरह से ये छह सीटें खाली हुई हैं और अब इन्हीं को भरने के लिए उपचुनाव कराए जाने हैं।
जिन चारों राज्यों में राज्यसभा के चुनाव होने हैं उनमें से दो में बीजेपी की, एक में टीएमसी की और एक में एनडीए यानी टीडीपी+बीजेपी की सरकार है। ऐसे में यह लगभग तय है कि पश्चिम बंगाल वाली सीट छोड़कर बाकी की 5 सीटें एनडीए के ही खाते में जा सकती हैं।