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ब्यास नदी खनन मामले में ED ने की गिरफ्तारी, सुक्खू से BJP ने पूछे सवाल

ब्यास नदी खनन मामले में ईडी ने ज्ञानचंद और एक उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है।

enforcement directorate logo : PTI

ब्यास नदी में चल रही अवैध खुदाई । पीटीआई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ब्यास नदी के किनारे अवैध खनन के मामले में हिमाचल प्रदेश के खनिक ज्ञान चंद और उनके सहयोगी संजय धीमान को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी से कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश के राजनीति हलकों में हलचल है। 

 

इस बीच बीजेपी ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से उनके जुड़े होने की बात पर स्पष्टीकरण मांगा है।

 

सोमवार को काफी देर की पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उन्हें  गाज़ियाबाद पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां पुलिस ने आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की मांग की।

राजनीतिक हलकों में है अच्छी जान-पहचान

सूत्रों के मुताबिक हमीरपुर जिले के नादौन के रहने वाले ज्ञान चंद की राजनीतिक हलकों में अच्छी जान पहचान है। आरोप है कि अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए उसने इस जान-पहचान का उपयोग किया। जांचकर्ताओं ने डिजिटल साक्ष्यों को इकट्ठा किया और कई महीनों तक गहन जांच के बाद यह पता लगाया कि ज्ञानचंद के एक बड़े नेता के किसी रिश्तेदार से पहचान है।

 

ज्ञानचंद के खिलाफ कई एफआईआर किए गए थे, जिनमें  दो इस साल जुलाई में ईडी ने किया था और दूसरा 7 नवंबर को यूपी पुलिस ने किया था। ईडी ने सहारनपुर में ज्ञानचंद के क्रशर यूनिट पर एक रेड भी मारी थी।

 

कांगड़ा और उना जिले के कई पुलिस स्टेशनों में साल 2018 से 2023 के बीच दर्ज कई एफआईआर के बाद ईडी ने अपनी जांच की प्रक्रिया शुरू की।

 

दो महीने पहले ,ईडी ने क्रशर यूनिट सहित कई जगहों पर छापेमारी की थी। यहां से कई कागज़ात बरामद किए थे।  इसके बाद ईडी की सिफारिश के मुताबिक ईडी ने एक एफआईआर रजिस्टर की थी।

अपराध से कमाया, बिजनेस में लगाया और क्या हैं आरोप?

ED की स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट (PMLA Court) में दायर रिमांड याचिका में जांच एजेंसी ने कहा है कि ज्ञान चंद ने अवैध खनन से पैसे कमाए और उसका इस्तेमाल उन्होंने अपने कारोबार को बढ़ाने में लगाया है। साल 2023 से 2024 के बीच उन्होंने कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में गढ़वाल स्टोन क्रशर को 4.70 करोड़ रुपये में खरीद लिया। मेसर्स जय मां ज्वाला स्टोन क्रशर की ओर से रेत और खनिजों की अवैध बिक्री से करीब 1.60 करोड़ रुपये कमाए गए थे। 

 

सितंबर में सहारनपुर यूनिट पर ईडी ने छापेमारी की थी, जिसमें यह पता चला कि गढ़वाल स्टोन क्रशर, यमुना नदी की तल से रिवर बेड मैटेरियल (RBM) की अवैध खरीद और बिक्री में शामिल था। रिवर बेड मैटेरियल में मोरंग, रेत, पत्थर और गिट्टियां आती हैं। जून में उत्तर प्रदेश GST विभाग ने भी स्टोन क्रशर के आधिकारिक कैंपस से 62.14 लाख रुपये की कीमत का अतिरिक्त RBM जब्त किया था. ईडी की जांच में यह सामने आया है कि यहां अवैध खनन का कारोबार फल फूल रहा था।

 

ईडी का दावा है कि धीमान जय मां ज्वाला स्टोन क्रशर के मैनेजमेंट में भी शामिल रहे हैं। उन्हें अवैध खनन के कारोबार और बिक्री की पूरी जानकारी थी। इनसे होने वाली कमाई को वे कैश में लेते थे। गढ़वाल स्टोन क्रशर की खरीद भी उन्होंने नगद पैसे देकर की थी।



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