केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ईडी को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में हुई कथित धांधली को लेकर मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गजों की अब कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 नवंबर को एक फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईडी को भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में CrPC की धारा 197 (1) के तहत CBI की तरह पहले मंजूरी लेनी होगी। अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 218 के तहत मंजूरी गृह मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी।
अब आगे क्या होगा?
मंजूरी न मिलने की वजह से आबकारी नीति केस में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने का केस, दिल्ली की एक अदालत में लंबित था। ईडी अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) से जुड़े मामलों में चार्जशीट दायर करने से पहले लोकसेवकों के खिलाफ मुकदमा चालने की मंजूरी मांगेगा।
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CBI को किसने दी थी इजाजत?
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले महीने ED को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। CBI को अगस्त 2024 में आबकारी नीति से जुड़े एक भ्रष्टाचार के मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की इजाजत मिली थी।
AAP नेताओं पर आरोप क्या हैं?
सीबीआई को अगस्त 2024 में आबकारी नीति से संबंधित समानांतर भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली थी। अरविंद केजरीवाल 21 मार्च 2024 को PMLA के तहत गिरफ्तार हुए थे। 17 मई को चार्जशीट में उनका नाम दर्ज किया गया था। दावा किया गया था कि कुछ शराब व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्होंने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। 45 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव अभियान पर खर्च किए थे।
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ED ने अरविंद केजरीवाल पर क्या आरोप लगाए हैं?
ED ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और कार्यकारिणी के सदस्य हैं, ऐसे में इस तरह से लाए गए पैसों पर उनकी जिम्मेदारी बनती है। ईडी ने उन्हें इस स्कैम का मास्टरमाइंड और किंगपिन तक कह दिया था।अरविंद केजरीवाल पर रिश्वत लेने के आरोप लगे। ED ने दावा किया कि इस तरह की कमाई से 1100 करोड़ रुपये कमाए गए। अरविंद केजरीवाल को ईडी ने सरगना तक कह गिया।
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किन नेताओं की बढ़ेंगी मुश्किलें?
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर पर आरोप हैं कि उनहोंने 100 करोड़ की रिश्वत के अलावा भी पैसों की डिमांड की थी। अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी विनोद चौहान ने AAP के लिए दिल्ली से गोवा तक 25 करोड़ रुपये के घूस को ट्रांसफर किया। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी इन आरोपों से इनकार करती रही है।