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पत्रकारिता और लेखन से लेकर फिल्मों तक; प्रीतीश नंदी का निधन

जाने माने पत्रकार, लेखक, फिल्म मेकर और राजनेता प्रीतीश नंदी का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है। जानें लाजवाब फिल्में देने वाले और 40 से अधिक कविता की किताबें लिखने वाले प्रीतीश का जीवन कैसा रहा?

Pritish Nandy : Photo Credit: X: filmfare

प्रीतीश नंदी । Photo Credit: X : filmfare

जाने माने फिल्म मेकर, कवि, लेखक और पत्रकार प्रीतीश नंदी का बुधवार को निधन हो गया है। वह 73 साल के थे।  उनके निधन की खबर से न सिर्फ फिल्म जगत बल्कि साहित्य और पत्रकारिता की दुनिया के लोगों में दुख की लहर दौड़ गई है।


उन्होंने शादी के साइड इफेक्ट्स, अगली और पगली, जस्ट मैरीड जैसी फिल्में बनाईं।  इसके अलावा उन्होंने करीब 40 से ज्यादा कविता की किताबें लिखीं। उनकी किताबें कई भाषाओं में पब्लिश हो चुकी हैं। 1977 में उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड और 2006 में यूनाइटेड नेशंस हेरिटेड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

कैसा रहा राजनीतिक करियर

पत्रकार और फिल्म मेकर होने के साथ साथ वह राजनेता भी थे। जुलाई 1998 में वह महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए शिवसेना के टिकट पर सांसद चुने गए। राज्यसभा में 6 सालों के दौरान वह कई समितियों के सदस्य भी रहे।

जानवरों से था प्यार

प्रीतीश नंदी ने जानवरों की सुरक्षा के लिए भी काम किया। उन्होंने पीपल फॉर एनिमल एनजीओ बनाया जो कि जानवरों के लिए बनाई गई भारत की बड़ी संस्थाओं में से एक है। मेनका गांधी इस एनजीओ की सह-संस्थापक थीं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानवता पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था।

 

अनुपम बोले-सपोर्ट सिस्टम थे

 

अनुपम खेर ने प्रीतीश के बारे में अपनी यादों को इन्स्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा 'मैं यह सुनकर बेहद दुखी और स्तब्ध हूं कि मेरे सबसे प्रिय और करीबी दोस्तों में से एक, प्रीतिश नंदी का निधन हो गया है. वह एक अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और बहादुर तथा अनोखे संपादक/पत्रकार थे. मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वह मेरे सपोर्ट सिस्टम और ताकत का बड़ा स्रोत थे'

 

 

वह आगे लिखते हैं, 'हम दोनों के बीच कई चीजें कॉमन थीं. वह अब तक मिले सबसे निडर इंसानों में से एक थे. हमेशा बड़े दिल और बड़े ख्वाब वाले इंसान थे. उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा. हाल के दिनों में हमारी मुलाकातें कम हो गई थीं, लेकिन एक समय था जब हम अलग ही नहीं होते थे. मुझे वह पल कभी नहीं भूलता जब उन्होंने मुझे सरप्राइज देते हुए फिल्मफेयर और सबसे खास, द इलस्ट्रेटेड वीकली के कवर पर जगह दी. वह सही मायनों में 'यारों का यार' थे'

फिल्मफेयर ने भी जताया दुख

उनके निधन पर फिल्मफेयर ने भी दुख जताया है। फिल्मफेयर ने एक्स पर लिखा, 'कवि, लेखक और फिल्ममेकर प्रीतीश नंदी का निधन हो गया है। उनके परिजनों के लिए हृदय से सांत्वना।'

 

 

कैसे हुई फिल्मी सफर की शुरुआत

1993 में प्रीतीश ने पत्रकारिता की नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशन्स की शुरुआत की। उनकी कंपनी का पहला प्रोग्राम द प्रीतीश नंद शो था जो कि एक चैट शो था। इसे दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। यह भारत में टीवी पर प्रसारित किया जाने वाला पहला सिगनेचर शो था।

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