दुनिया पर क्लाइमेट चेंज का खतरा बढ़ता जा रहा है। सर्दियां पड़ नहीं रही हैं। गर्मी बढ़ती जा रहा है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के देशों में यही पैटर्न देखने को मिल रहा है। क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी वजह जंगलों और पेड़ों की कटाई को माना जाता है। अब एक रिपोर्ट आई है जो थोड़ी राहत जरूर देती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का फॉरेस्ट और ट्री कवर एरिया 25 फीसदी से ज्यादा हो गया है। 2021 की तुलना में इसमें मामूली बढ़त ही हुई है।
फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 तक भारत में कुल 8.27 लाख वर्ग किलोमीटर जमीन पर जंगल और पेड़ थे। ये भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 फीसदी है। यानी, भारत की करीब 25 फीसदी जमीन पर जंगल और पेड़ हैं। 2021 की तुलना में ये 17,820 वर्ग किमी ज्यादा है।
रिपोर्ट में क्या आया सामने?
इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की कुल 7,15,343 वर्ग किलोमीटर जमीन पर जंगल हैं। ये कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.7 फीसदी है। 2021 में भारत में कुल 7,13,789 वर्ग किमी जमीन पर जंगल बसे हुए थे।
जंगलों के अलावा भारत की कुल 1,12,014 वर्ग किमी जमीन पर पेड़ हैं। 2021 में 95,748 वर्ग किमी जमीन पर ही पेड़ थे। यानी, 2021 की तुलना में 2023 में ट्री कवरेज 16,266 वर्ग किमी बढ़ गया है।
सबसे ज्यादा जंगल कहां?
इस रिपोर्ट को हर दो साल में जारी किया जाता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा जंगल वाली जमीन मध्य प्रदेश में है। मध्य प्रदेश की कुल 77,073 वर्ग किमी जमीन पर जमीन है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश है, जहां की 65,882 वर्ग किमी जमीन पर जंगल बसे हैं। तीसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है, जहां 55,812 वर्ग किमी जमीन पर जंगल हैं।
इन तीन राज्यों के अलावा ओडिशा की 52,434 वर्ग किमी, महाराष्ट्र की 50,859 वर्ग किमी, कर्नाटक की 39,254 वर्ग किमी, आंध्र प्रदेश की 30,085 वर्ग किमी और असम की 27,565 वर्ग किमी जमीन पर जंगल हैं।
राजधानी दिल्ली की महज 195 वर्ग किमी जमीन पर ही जंगल हैं। इसी तरह, क्षेत्रफल के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। यहां का कुल क्षेत्र 2.40 लाख वर्ग किमी है लेकिन यहां की 15,045 वर्ग किमी पर ही जंगलों की बसाहट है।
लेकिन तय मानक से अब भी काफी पीछे
भारत में 1988 में नेशनल फॉरेस्ट पॉलिसी अपनाई गई थी। इसका मकसद देश में जंगलों और पेड़ों के कवर एरिया को बढ़ाना था। इस पॉलिसी के मुताबिक, भारत के कुल क्षेत्र का एक तिहाई यानी 33% जमीन पर जंगल या पेड़ होने चाहिए। अभी भारत के कुल क्षेत्रफल के 25 फीसदी जमीन पर ही जंगल और पेड़ हैं। इस हिसाब से भारत में अब भी जंगल और पेड़ उतने नहीं हैं, जितने होने चाहिए।
इसी तरह से पहाड़ी इलाकों में कम से कम दो तिहाई यानी 66% क्षेत्रफल पर जंगल या पेड़ होना चाहिए लेकिन यहां भी तय मानक से काफी पीछे हैं। देश के कुल 17 राज्यों के 172 जिले ऐसे हैं जो पहाड़ी इलाकों में आते हैं। इन जिलों का कुल क्षेत्रफल 7.04 लाख वर्ग किमी है लेकिन यहां की 2,83,713 वर्ग किमी जमीन पर ही जंगल और पेड़ हैं। यानी, कुल क्षेत्रफल का लगभग 40 फीसदी।