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ओम प्रकाश चौटाला से जुड़े पांच विवाद जिनमें आया उनका नाम

हरियाणा के चार बार के मुख्यमंत्री रह चुके ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे हरियाणा में शोक की लहर है।

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हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे थे ओम प्रकाश चौटाला।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर आखिरी सांस लीं। चौटाला को गुरुग्राम में उनके घर में दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वह इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रमुख थे। चौटाला को अपने पिता से राजनीति विरासत में मिली थी।

ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के डिप्टी पीएम रह चुके चौधरी देवीलाल (ताऊ) के बेटे थे। ओम प्रकाश हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके थे। उनके निधन से हरियाणा की राजनीति एक शून्य पैदा हो गया है। चौटाला सात बार के विधायक रहे और वह साल 2005 तक हरियाणा के सीएम रहे। लेकिन वह अपने जीवन के अंतिम दिनों में ज्यादातर जेल में रहे। 

उनका विवादों से पुराना नाता रहा। ऐसे में आइए जानते हैं कि वह पांच विवाद कौन से हैं जिसमें ओम प्रकाश चौटाला का नाम आया। 

1.

पूर्व सीएम चौटाला का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हरियाणा में जेबीटी शिक्षकों की हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और घोटाला हुआ, जिसमें उनका भी नाम सामने आया। मामला कोर्ट में गया और अदालत ने इस मामले में चौटाला को दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई। वे करीब साढ़े नौ साल तक जेल में रहे।  

चौटाला के जेल में रहने को दौरान ही उनके परिवार में कलह हो गई और इनेलो से अलग होकर उनके पोते दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी का गठन कर लिया था।

2.

ओम प्रकाश चौटाला पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी कई आरोप लगे थे। इसकी वजह से मई 2022 में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया और उन्हें 50 लाख रुपये के जुर्माने के साथ चार साल की सजा सुनाई थी। सीबीआई ने साल 2006 में जांच के बाद चौटाला परिवार की कुल संपत्ति 1467 करोड़ बताई थी।

3.

साल 1989 में देश में लोकसभा के चुनाव हुए और राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चुनाव हार गई। चौधरी देवीलाल केंद्र में उप प्रधानमंत्री बने। उस समय देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। देवीलाल के केंद्र में आने के बाद सवाल उठा कि अब हरियाणा का मुख्यमंत्री कौन बनेगा?

रेस में देवीलाल के छोटे बेटे चौधरी रणजीत चौटाला सबसे आगे थे। ओम प्रकाश राज्यसभा के सांसद होने की वजह से रेस में सबसे पीछे चल रहे थे, लेकिन देवीलाल ने दिल्ली में ओम प्रकाश के नाम की घोषणा कर दी। देवीलाल की पहल पर राज्यपाल ने ओम प्रकाश को शपथ दिलाई। इस घटना के बाद ही देवीलाल परिवार में राजनीतिक दरार आ गई।

4.

ओम प्रकाश चौटाला अपनी पढ़ाई को लेकर देश की सुर्खियों में रहे। वह पहले राजनेता था उन्होंने 78 साल की उम्र में जेल से ही 10वीं और 12 वीं की परीक्षा दी और पास हुए। 

5.

 

साल 1968 में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हुए। ऐलानाबाद सीट से चौधरी देवीलाल ने बेटे ओम प्रकाश को मैदान में उतारा। पारंपरिक सीट होने की वजह से यहां के चुनाव में पूरे चौटाला परिवार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन चौटाला, लालचंद्र खोड़ा से चुनाव हार गए।

ओम प्रकाश चौटाला ने धांधली का आरोप लगाते हुए इस मामले को लेकर हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1970 में ऐलानाबाद सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई। इसके बाद ओम प्रकाश चौटाला यहां से उपचुनाव में उतरे और जीतकर पहली बार विधायक बने।

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