शीतकालीन सत्र में बुधवार को संसद में बोलते हुए अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर चुनावी प्रक्रिया और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पंजाब में चुनी गई सरकार को हाईजैक कर लिए जाने की बात कही।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में भारी बहुतम से चुनी गई सरकार के मुख्यमंत्री और कैबिनेट डमी हैं, वास्तविक ताकत तो अरविंद केजरीवाल के हाथों में है। हरसिमरत कौर ने कहा कि पंजाब को सुपर सीएम रूल कर रहा है और पंजाब में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को एक भ्रष्ट पूर्व सीएम के द्वारा हाईजैक कर लिया गया है।
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पंजाब CM को बताया डमी
आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘पंजाब का मुख्यमंत्री और कैबिनेट एक डमी मुख्यमंत्री और डमी कैबिनेट है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वही पंजाब के सीएम को कंट्रोल करते हैं, वही सारी फाइलों पर साइन करते हैं और सारे ट्रांसफर भी वही करते हैं।’
कौर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वहां पर शीशमहल बना रहे हैं और पंजाब के सारे संसाधनों का प्रयोग वही कर रहे हैं। ऐसे में तीन-चौथाई से चुनी हुई बहुमत की सरकार की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
संसद में बोलते हुए उन्होंने आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के बारे में कहा कि वह कहते हैं कि साम, दाम, दंड, भेद जो करना है करो, लेकिन किसी भी कीमत पर इलेक्शन जीतना है।
वायरल वीडियो का जिक्र
SSP के वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए भी उन्होंने पंजाब सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जिला परिषद और ब्लॉक समिति के इलेक्शन को लेकर एसएसपी का वीडियो वायरल है जिसमें वह कहते हुए सुने जा सकते हैं पेपर फाड़ो, किडनैपिंग करो, नॉमिनेशन न फाइल करने दो और इसका नतीजा यह हुआ कि मजीठा जिला परिषद में 23 में से 21 विपक्ष के नॉमिनेसन रिजेक्ट हो गए, तरन तारन में 32 में से 32 रिजेक्ट कर दिया गया, बोहा में किसी अकाली दल को नॉमिनेशन नहीं फाइल करने दिया गया। गुरदासपुर में 21 में से 20 नॉमिनेशन रिजेक्ट कर दिया गया।
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दिया सुझाव
इसके लिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त को पहले की व्यवस्था से चुना जाना चाहिए जिसमें पीएम, विपक्ष के नेता और सीजेआई हों। इसी तरह से राज्य में जो चुनाव होता है उसमें बाहरी ऑब्जर्वर हो न कि सरकार के हाथ की कोई कठपुतली हो। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्शन मैनिफेस्टो को लीगल डॉक्युमेंट बनाया जाना चाहिए।