नेशनल हाइवे पर टोल प्लाजा कर्मियों और आम लोगों के बीच आए दिन झड़प की खबरें सामने आती हैं। सोशल मीडिया से लेकर संसद तक, टोल प्लाजा पर आम नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा उठता रहा है। भारतीय जनता पार्टी के सासंद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने राज्यसभा में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री से सवाल किया कि टोल पर होने वाली गुंडागर्दी कैसे रुकेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसके जवाब में सरकार का प्लान समझाया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में कहा कि टोल प्लाजा पर हिंसा की घटनाएं सामने आईं हैं। उन्होंने यह भी माना है कि टोल-प्लाजा पर पहलवान और गुंडा किस्म के लोग रहते थे, पहले नकदी से लेनदेन भी होती थी लेकिन अब भी चुनौतियां बनी हुईं हैं।
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टोल प्लाजा की गुंडागर्दी कैसे थमेगी?
नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री:-
अब यहां कैमरे लगने के कारण कोई व्यक्ति नहीं रहेगा, जिससे विवाद की आशंका समाप्त हो जाएगी। अभी कोई व्यक्ति नहीं खड़ा रहेगा टोल नाकों पर। कोई रोकेगा नहीं, कोई टोकेगा नहीं, कोई झगड़ेगा नहीं, कोई गुंडागर्दी नहीं। वहां कैमरा काम करेगा और एक प्रकार से यह समस्या समाप्त हो जाएगी।
झगड़ों को रोकने के लिए सरकार क्या करेगी?
बीजेपी सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सवाल किया, 'टोल नाकों पर होने वाली हिंसक घटनाओं और झगड़ों को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?'
जवाब में नितिन गडकरी ने कहा, 'लोग गुंडागर्दी करते थे, जबरदस्ती करते थे, लाठियां मारते थे, अपमानजनक व्यवहार करते थे। यह सच है। अब इन सब की छुट्टी हो जाएगी। अब कोई दिखेगा नहीं, आप चिंता मत करिए।'
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टैग पर क्या करने वाली है सरकार?
नितिन गडकरी ने टैग पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'देश में करीब एक हजार टोल नाके हैं, जहां पहले नकदी से लेनदेन होता था और फिर फास्ट टैग व्यवस्था शुरू की गयी। उन्होंने कहा कि अब मल्टी लेयर व्यवस्था की शुरुआत हो रही है। इस नई व्यवस्था के लिए दस अनुबंध दिये गये हैं और 10 अभी प्रक्रियागत हैं। सरकार ने तय किया है कि दिसंबर 2026 तक पूरे देश में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।'
फास्ट टैग में कितनी धांधली हो रही है?
नतिन गडकरी ने कहा, 'फास्ट टैग से संबंधित धोखाधड़ी के 6,725 मामले सामने आए हैं। अभी सरकार ने 'एक वाहन, एक फास्ट टैग' की नीति शुरू की है, फिर इसमें नंबर प्लेट को भी जोड़ा जाएगा। इस नई नीति की वजह से किसी गाड़ी के लिए फास्ट टैग लेना और उससे कोई अन्य वाहन टोल से निकल जाने की घटनाएं बहुत ही कम हो गई हैं।'