उत्तर प्रदेश के नोएडा में सोमवार को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइट की लैंडिंग और टेकऑफ की टेस्टिंग हो गई। इंडिगो की फ्लाइट दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ी और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सफलतापूर्वक उतर गई। इसके बाद आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद फ्लाइट्स के कॉमर्शियल उड़ानों की इजाज़त दी जाएगी।
एयरपोर्ट का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। उद्घाटन के वक्त मोदी ने कहा था कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
तो जानते हैं कि एयरपोर्ट बनने से किस तरह से राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।
नौकरियों का सृजन होगा
1,334 एकड़ में फैले 29,560 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के इस एयरपोर्ट की वजह से करीब एक लाख नौकरियों का सृजन होगा। तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा था कि इस एयरपोर्ट के बनने से लगभग एक लाख नौकरियों के अवसर लोगों को मिलेंगे। दरअसल, एयरपोर्ट बनने की वजह से आस-पास के एरिया में न सिर्फ आवागमन बढ़ेगा बल्कि व्यावसायिक प्रतिष्ठान जैसे मॉल, दुकानें इत्यादि भी खुलेंगे। इसकी वजह से नौकरियों का सृजन होगा।
रियल इस्टेट को बढ़ावा मिलेगा
इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने की वजह से रियल इस्टेट को बढ़ावा मिलेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे पर रियल इस्टेट में उछाल देखने को मिलेगा।
एयरपोर्ट बनने की खबर के साथ ही यहां पर जमीनों की मांग बढ़ गई थी जिसकी वजह से दाम भी बढ़ने लगे थे। यही नहीं पिछले साल वेयर हाउसिंग के बिजनेस में भी यहां काफी उछाल देखने को मिला था। एयरपोर्ट के चारों तरफ सोसायटीज़ का विकास होगा।
पर्यटन का विकास
एयरपोर्ट बनने की वजह से राज्य में पर्यटन का विकास होगा। यूपी में आने के बाद वहां से राज्य के बाकी हिस्सों में टूरिस्ट्स को जाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
ट्रेड एंड एक्सपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा जो कि इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल कार्गो हब होगा। इसकी वजह से शिपमेंट की ऐक्टिविटी को बढ़ेगी और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट को बढ़ावा मिलेगा।
चूंकि एयरपोर्ट का साइज काफी बड़ा है इसलिए काफी बड़े स्तर पर शिपमेंट हो पाएगा। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।
राज्य में बढ़ेगा निवेश
नौकरियों के सृजन के साथ साथ राज्य में काफी निवेश भी बढ़ेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक एयरपोर्ट की वजह से शुरुआत में 10 हजार करोड़ और कुल मिलाकर 35 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट आने की संभावना है।