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बांग्लादेश जाकर विदेश सचिव ने यूनुस सरकार से क्या कहा?

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जब से गिरी है, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें सामने आ रही हैं। यह पहली बार है कि जब भारतीय प्रतिनिधि बांग्लादेश जा रहे हैं। तनावपूर्ण स्थिति में कैसे संबंध पटरी पर कायम रहेंगे, यह देखने वाली बात होगी।

India Bangladesh peace talk

भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों के बीच ढाका में बातचीत हुई है। (तस्वीर-PTI)

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी और बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन के बीच भारत-बांग्लादेश संबंधों को लेकर बातचीत हुई है। उन्होंने भारत की चिंताओं को उनके सामने उठाया है और आश्वासन मांगा है। उन्होंने अपने बांग्लादेशी समकक्ष के साथ बातचीत की और कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हों।

उन्होंने बांग्लादेश के विदेश सलाहकार से बातचीत के बाद कहा, 'आज की बातचीत में दोनों देशों को एक-दूसरे से अपना पक्ष रखने का अवसर मिला है। हमने स्पष्ट और जरूरी बातचीत की है। हमने मुद्दों पर बातचीत की है, उनका हल निकालने की कोशिश की है। हमने हाल में हुई घटनाओं का जिक्र किया है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। हमने अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर हुए हमलों को लेकर भी सवाल उठाए हैं। हमने कहा है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित हों।'

ढाका पहुंचकर विदेश सचिव ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जसीमुद्दीन के साथ बातचीत की। दोनों देशों की ओर से डेलीगेट्स पहुंचे थे। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI के साथ बातचीत में कहा, 'विदेश सचिव जसीमुद्दीन और उनके समकक्ष विक्रम मिसरी के बीच पद्मा गेस्ट हाउस में बैठक हुई है। दोनों ने विस्तार से बातचीत की है।' 


बिगड़ रहे हैं बांग्लादेश भारत के रिश्ते 
बांग्लादेश और भारत के रिश्ते लगातार बिगड़ रहे हैं। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है। वहां अल्पसंख्यकों की आवाज बने चिन्मय कृष्ण दास को जेल में डाल दिया गया है। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अतिवादी तत्वों का बोलबाला हो गया है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश और भारत के संबंधों को बचाने में असफल नजर आए हैं।



बांग्लादेश संकट पर देश की नजर
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हितों की उपेक्षा हो रही है। विदेश मंत्रालय पहले भी इस संबंध में सूचना दे चुका है। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर भी भारत चिंता भी जता चुका है। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हुए हैं। कुछ ईसाई और बौद्ध धार्मिक स्थलों पर भी हमले हुए हैं। भारत सरकार ने इन हमलों को लेकर चिंता जताई है। बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई थी। तब भी भारत ने अपनी चिंताएं जताई थीं।

तल्ख हो गए हैं भारत-बांग्लादेश के रिश्ते
भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक स्तर पर वार्ता 5 अगस्त के बाद पहली बार हो रही है। 5 अगस्त को बांग्लादेश की मौजूदा सरकार गिरी थी और प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत भागकर आना पड़ा था। उनके खिलाफ प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे थे। प्रधानमंत्री आवास तक प्रदर्शनकारी घुस आए थे। अब वहां की कमान मोहम्मद यूनुस के हाथों में है। बांग्लादेश में भारत विरोधी आवाजें बढ़ती जा रही हैं।

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