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अजीत डोभाल के चीन दौरे से क्या-क्या बदला? समझिए विस्तार से

भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंध एक बार फिर ठीक होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर पर वार्ता, सही दिशा में जाती नजर आ रही है।

Ajit Doval

अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी (तस्वीर- PTI)

भारत और चीन एक बार फिर अपने संबंधपूर्ण तनावों की समीक्षा कर रहे हैं। चीन के विशेष प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 5 साल में पहली बार स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव फॉर्मेट में एक-दूसरे से बातचीत की है। 21 अक्तूबर के डिसइंगेजमेंट समझौते को दोनों देशों ने लागू करने पर औपचारिक सहमति जताई है।

भारत-चीन सीमाओं पर अब गश्ती को लेकर जारी विवाद अब थम सकता है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर आम सहमति बनी है कि सीमा पर दोनों देशों की ओर से डेवलेपमेंट वर्क को रोका नहीं जाएगा। दोनों देशों के बीच 6 सूत्रीय सहमति हुई है। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच आम समझौते क्या-क्या हैं?

किन मुद्दों पर बनी है सहमति?
दोनों देश विवादास्पद मुद्दों को सुलझाएंगे। चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि बीजिंग में हुई दोनों पक्षों की बैठक में छह सूत्रीय सहमति बनी है। जिसमें शिज़ांग (तिब्बत) में कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा की बहाली, सीमा पार नदी सहयोग और नाथू ला दर्रे पर व्यापार कार्य जारी रखना है। 

चीन का कहना है कि यह वार्ता रचनात्मक रही है। वांग ने कहा है कि स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव वार्ता अक्टूबर में रूस के कज़ान  में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बातचीत के बाद साकार हुई है। भारत सरकार ने कहा कि अजीत डोभाल और वांग यी  ने सीमा पार सहयोग के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए हैं। दोनों देशों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली, सीमा पार नदियों से जुड़े आंकड़ों को साझा करने और सीमा व्यापार पर आम समझौता हुआ है। 

क्यों जरूरी है यह समझौता?
विशेष प्रतिनिधि स्तर पर वार्ता भारत और चीन के बीच जारी तनावपूर्ण संबंधों के लिए जरूरी हैं। ऐसी बैठक आखिरी बार दिसंबर 2019 में हुई थी। हाल ही में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के लिए जब सहमति जताई थी, तब से लेकर अब तक स्थितियां सामान्य होने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

कैसे सुधरेंगे संबंध?
मई 2020 में शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद भारत और चीन की यह पहली बड़ी सफल कूटनीतिक वार्ता है। भारत ने कहा है कि पीछे हटने के बाद वहां तनाव कम करने के लिए दोनों देश काम करेंगे। अजीत डोभाल ने चीनी उप राष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की और वांग को विशेष प्रतिनिधि वार्ता के एक और दौर के लिए भारत आमंत्रित भी किया है। 

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