जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार सुपर एक्टिव नजर आ रही है। केंद्र सरकार एक तरफ लगातार हाई लेवल की बैठकें करके पाकिस्तान को हर तरफ से घेर रही है तो दूसरी तरफ भारत की तीनों सेनाएं सक्रिय हो गई हैं। इसी सिलसिले में भारत ने शुक्रवार की देश शाम को हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है।
दरअसल, भारत ने रक्षा क्षेत्र में शुक्रवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए हाइपरसोनिक तकनीक के क्षेत्र में उन्नत और अत्याधुनिक परीक्षण किया है।
सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि अगली पीढ़ी के स्टेशन हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का 1,000 सेकंड से ज्यादा समय तक सफलतापूर्वक जमीनी परीक्षण किया है।
हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि
यह उपलब्धि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने हासिल की है। यह हाइपरसोनिक मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा तेजी से उड़ती हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइलों की क्षमता
दरअसल, दुनिया की बड़ी ताकतें इन मिसाइलों को बनाने में जुटी हैं क्योंकि ये मौजूदा मिसाइल और हवाई सुरक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती हैं। हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत है कि इसकी तेज रफ्तार, बेहतरीन कंट्रोल और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को भारतीय नौसेना ने अपने बनाए स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सूरत से समुद्र में तेजी से उड़ाने वाले टारगेट पर सटीक हमला किया था। स्वदेशी निर्देशित मिसाइल Destroyer ने समुद्र में टारगेट को हिट किया। इस उपलब्धि से नौसेना और भी ज्यादा ताकतवर हो चुकी है।