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भारत ने न्यूयॉर्क टाइम्स को लगाई फटकार, HAL और रूस से जुड़ा है मामला

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने रूस को जरूरी और संवेदनशील टेक्नोलॉजी बेची है।

Hindustan Aeronautics Limited

एस जयशंकर। Photo Credit- PTI

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भारत ने सोमवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रूस को हथियार सप्लाई करने वाली एक ब्लैकलिस्टेड एजेंसी को संवेदनशील टेक्नोलॉजी बेची है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि टेक्नोलॉजी का सैन्य इस्तेमाल हो सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत सरकार की एक सरकारी स्वामित्व वाली एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है।

 

भारत के विदेश मंत्रालय ने न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बताया है। साथ ही इसे राजनीतिक इस्तेमाल के लिए मुद्दों को खुद से गढ़ने और तथ्यों को गलत तरीके से दुनिया के सामने पेश करने का आरोप लगाया है। विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि एचएएल ने स्ट्रैटजिक ट्रेड कंट्रोल नियंत्रण और एंड-यूजर कमिटमेंट्स पर अपने सभी अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का सख्ती से पालन किया है।

 

विदेश मंत्रालय ने बयान में क्या कहा?

 

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, 'हमने न्यूयॉर्क टाइम्स की प्रकाशित एक रिपोर्ट देखी है। रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। इसे राजनीतिक नेरेटिव के लिए इस्तेमाल करने के लिए गढ़ा गया है और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की गई है। एचएएल ने स्ट्रैटजिक ट्रेड कंट्रोल नियंत्रण और एंड-यूजर कमिटमेंट्स पर अपने सभी अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का सख्ती से पालन किया है।'

 

 

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के पास रणनीतिक व्यापार को नियंत्रित करने वाला एक मजबूत कानूनी और रेगुलेटरी ढांचा है। यह भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी कमर्शियल गतिविधियों पर नजर रखता है। मंत्रालय ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि न्यूयॉर्क टाइम्स ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करते समय बुनियादी सावधानी बरतेगा। 

 

एचएएल ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

 

वहीं, एचएएल की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने 28 मार्च को एक लेख लिखा- 'मेजर डोनर टू रिफॉर्म यू.के. पार्टी सोल्ड पार्ट्स यूज्ड इन वेपन्स टू रशियन सप्लायर।' रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रिटिश एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरर एचआर स्मिथ ग्रुप ने एचएएल के जरिए लगभग 2 मिलियन डॉलर के ट्रांसमीटर, कॉकपिट इक्यूपमेंट और अन्य संवेदनशील तकनीक रूस को भेजी थी। 

 

अमेरिका और ब्रिटेन ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध के बाद इन सामानों को रूस को बेचना मना है।

 

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में क्या है?

 

न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट में दावा किया गया कि कुछ मामलों में भारतीय कंपनी एचएएल ने एचआर स्मिथ से इक्यूपमेंट लिए और कुछ ही दिनों में उन्हीं पहचान कोड वाले हिस्सों को रूस दे दिया। एचआर स्मिथ ने 2023 और 2024 में एचएएल को प्रतिबंधित तकनीक की 118 शिपमेंट्स भेजी थीं। इनकी कीमत दो मिलियन डॉलर थी। इसी समय एचएएल ने कथित तौर पर उन्हीं हिस्सों की 13 शिपमेंट्स रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboronexport) को कीं। रोसोबोरोनएक्सपोर्ट एक रूसी हथियार एजेंसी है।

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