भारतीय सेना ने गुरुवार को पाकिस्तान में कई शहरों में ड्रोन से हमला किया है। भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में इसकी पुष्टि की है। इस बारे में पाकिस्तान की सेना ने भी दावा किया कि भारत ने कराची और लाहौर सहित कई शहरों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने अपने बयान में कहा कि भारतीय ड्रोन पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं। भारत को इस खुली आक्रामकता की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
भारत ने पाकिस्तान में किया एयर स्ट्राइक
कथित हमला भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी बुनियादी ढांचे स्थलों को नष्ट करने के एक दिन बाद हुआ है। भारत ने यह हमला 7 मई को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी बुनियादी ढांचे को तबाह करने के एक दिन बाद किया है।
अगली पीढ़ी की लोइटरिंग म्यूनिशन प्रणाली
पाकिस्तान की सेना ने दावा किया है कि भारत ने गुरुवार को इजरायल में बने 'हारोप ड्रोन' का इस्तेमाल किया। हारोप ड्रोन को इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने विकसित किया है। यह अगली पीढ़ी की लोइटरिंग म्यूनिशन प्रणाली है। हारोप ड्रोन मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) को सटीक हमला कर सकता है।
हारोप को विशेष रूप से दुश्मन के एयर डिफेंस और अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों का शिकार करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। यह एक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) और मिसाइल की खूबियों का मिश्रण है, जो एक हवाई दूरी का हथियार है जो स्व-चालित उड़ान में सक्षम है। ऐसे में आइए जानते हारोप की क्या हैं खासियत...
ये हैं HAROP ड्रोन के बारे में 10 बड़ी बातें
- हारोप ड्रोन निगरानी करने के अलावा घातक मिसाइलों से हमला करने में सक्षम है। हारोप अपने लक्ष्य को भेदने के लिए लक्षित क्षेत्रों में मंडराता है और लक्ष्य का पता लगने के बाद उसे टारगेट करता है। अपनी सटीकता की वजह से हारोप ड्रोन्स अत्यधिक प्रभावी है।
- हारोप ड्रोन्स का सफल अभियानों को पूरा करने का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। हारोप को दुनियाभर में हुए हालिया जंगों में इस्तेमाल किया गया है।
- हारोप ड्रोन को इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने विकसित किया है। यह लोइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम में इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के दशकों के लंबे अनुभव का एक उत्पाद है। यह इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के लोइटरिंग म्यूनिशन परिवार का दूसरी पीढ़ी का ड्रोन है।
- हारोप ड्रोन 9 घंटे तक और 1,000 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम है। यह ऑपरेटरों के संपर्क में आए बिना ऑपरेशन को सफल बनाता है।
- हारोप अपने लक्ष्यों की खोज, पहचान और ट्रैक करने के लिए अपने आप संचालित होता है। यह दो-तरफा डेटा लिंक के जरिए मैन-इन-द-लूप क्षमता को बनाए रखता है।
- युद्ध के मैदान की स्थितियों में बदलाव की स्थिति होने पर यह ऑपरेटर हमले को रोक सकता है।
- हारोप इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल (EO), इन्फ्रारेड (IR), और फॉरवर्ड-लुकिंग इन्फ्रारेड (FLIR) सेंसर से लैस है। साथ ही हापोर में एक रंगीन CCD कैमरा और एंटी-रडार होमिंग क्षमताएं हैं। यह कैमरे लक्ष्य का पता लगाने में मदद करते हैं।
- हारोप ड्रोन को मल्टी मिशन फ्लेक्सीबिलिटी के लिए डिजाइन किया गया है। हारोप जमीन और नौसैनिक इस्तेमाल, शहरी युद्ध, आतंकवाद विरोधी मिशन और युद्ध के लिए उपयुक्त है।
- हापोर ड्रोन में 23 किलोग्राम विस्फोटक पेलोड होता है, जो इसे रडार, मिसाइल सिस्टम और दुश्मन के ठिकानों सहित मोबाइल लक्ष्यों को बेअसर करने में सक्षम बनाता है।
- हापोर को तैनात करना आसान होता है और तुरंत निगरानी से स्ट्राइक मोड में जाने में सक्षम होता है।