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AI पर मोदी सरकार लाएगी कानून? अभी कहां-कितने सख्त नियम

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल को लेकर भारत में कानून लाया जा सकता है। चीन, सिंगापुर समेत 37 देशों में इस समय AI को लेकर सख्त नियम है।

These countries have law on artificial intelligence

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, Image Credit: PEXELS

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संभावित फायदे और खतरे से निपटने के लिए दुनियाभर में कड़े नियम- कानून बनने शुरू हो गए हैं। भारत भी इस दिशा में काम कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि भारत सरकार एआई कानून को लेकर क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि अगर सदन और समाज सहमत हो तो एआई के इस्तेमाल के लिए कानून बना सकते हैं।

 

सोशल मीडिया के इस दौर में दुनिया फर्जी न्यूज और विचारों की चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में AI अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा मुद्दा है। बता दें कि कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश ने अश्विनी वैष्णव से पूछा था कि क्या एआई के उपयोग को लेकर सरकार की कानून बनाने की कोई योजना है? इसी पर वैष्णव ने अपना जवाब दिया। 

दुनिया के 37 देशों में AI कानून

बता दें कि AI को लेकर 37 देशों में एआई सुरक्षा और नियमन के लिए कानूनी ढांचे हैं। भारत में भी इस मुद्दे पर नैतिक, कानूनी सिफारिशें करने और एआई नियामक प्राधिकरण की स्थापना के लिए टास्क फोर्स बनाई जा रही है। ऐसे में सवाल है कि भारत AI को लेकर क्या कर सकती है?

 

इसको लेकर AI विशेषज्ञ का मानना है कि भारत को AI के नियमन पर ऐसा तरीका अपनाना चाहिए जो बदलते समय के साथ अनुकूल हो। सख्त नियमों के बजाय नैतिक दिशानिर्देश और स्वैच्छिक कोड अपनाना जरूरी है। इससे इनोवेशन के साथ जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी। सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए एआई सेफ्टी इंस्टीट्यूट बनाना भी जरूरी है। 

किन देशों में AI को लेकर कैसे कानून?

सिंगापुर, चीन समेत यूरोपीय यूनियन में AI को लेकर सख्त कानून है। आइये इनके बारे में विस्तार से जान लेते है:

 

  • सिंगापुर: यह पहला देश है जिसने AI को लेकर गर्वनेंस फ्रेमवर्क बनाया। इस देश में नेशनल AI रणनीति भी है जिसमें AI के पारदर्शी और सुरक्षित उपयोग के लिए सखत कानून बनाए हैं। 
  • चीन: चीन ने एआई सेफ्टी गवर्नेंस फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसमें न्यायसंगत, सुरक्षित व पारदर्शी एआई को बढ़ावा देने के साथ ही नागरिकों के हित व अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की गई है। डीपफेक से बचने के लिए एआई से बनी गई हर एक सामाग्री की पहचान कराना अनिवार्य है। 
  • यूरोपीय यूनियन: यूरोपीय यूनियन के 27 सदस्य देशों में AI को लेकर सख्त नियम बनाए गए है। इसमें जोखिम के चार स्तरों के साथ-साथ सर्विस प्रोवाइ़डर्स के लिए सख्त पारदर्शिता व डेटा गवर्नेंस के नियम हैं। मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए एआई निर्णयों में मानव हस्तक्षेप को अनिवार्य किया गया है। 
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