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इंडियन मिलिट्री एकेडमी में दिखेगा महिलाओं का दमखम, 92 साल बाद बदलाव

92 साल में पहली बार देहरादून के IMA में महिला अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। NDA में ट्रेनिंग के छठे और अंतिम चरण में 18 महिला कैडेट को शामिल किया गया है।

Indian Military Academy

महिला कैडेट, Photo Credit: PTI

तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 92 साल में पहली बार देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में महिला अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। यह भारतीय सेना में लैंगिक समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। 

 

इंडियन मिलिट्री एकेडमी की स्थापना 1932 में हुई थी जिसके 92 सालों बाद पहली बार यहां महिला अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे पहले महिलाओं को केवल ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में ट्रेनिंग दी जाती थी जो चेन्नई में स्थित है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भारतीय सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने की पॉलिसी का हिस्सा है। 

 

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18 महिला कैडेट हुईं शामिल

NDA में लास्ट स्टेज की ट्रेनिंग के लिए 18 महिलाओं को शामिल किया गया है। इसमें से 8 महिलाओं ने थल सेना को ऑप्शन के तौर पर चुना है। इन महिला अधिकारियों को IMA में एक साल की ट्रेनिंग दी जाएगी जिसके बाद वे कमीशन हो जाएंगी। बता दें कि महिला अधिकारियों का पहला बैच मई में ही NDA से पास होगा और अगस्त 2022 में ये महिलाएं एनडीए में शामिल हुई थीं। बता दें कि एनडीए में इस दौरान 126 महिला कैडेट हैं जिनकी ट्रेनिंग हो रही है। पहले IMA में महिलाओं की ट्रेनिंग नहीं होती थी। 

 

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2021 का सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या?

दरअसल, अगस्त 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को महिलाओं को एनडीए प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। यह आदेश लगभग तीन दशक बाद आया है। एक अधिकारी ने कहा कि आईएमए में महिला अधिकारी कैडेट के रहने की अलग से व्यवस्था कराई जाएगी। वहीं, महिलाएं और पुरुषों की ट्रेनिंग एक साथ ही होगी। ओटीए की तरह IMA में भी महिलाओं के लिए व्यवस्था कराई जाएगी। 

 

इससे महिला अधिकारियों को क्या होगा फायदा?

दरअसल, IMA से पास होने वाले पुरुष अधिकारियों को परमानेंट कमीशन दिया जाता है। परमानेंट कमीशन यानी कोई अधिकारी रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकता है और इसके बाद वह पेंशन का भी हकदार होगा। ऐसे में अब महिलाओं को भी यह अवसर मिलेगा, जिससे वे फ्रंटलाइन कॉम्बैट और अन्य अहम भूमिकाओं में आ सकेंगी।

 

इससे महिला अधिकारियों के लिए नए अवसर खुलेंगे। पहले महिलाओं को केवल मेडिकल, लीगल,  इंजीनियरिंग और एडमिनिस्ट्रेटिव ब्रांच में भर्ती किया जाता था। अब IMA से ट्रेनिंग के बाद महिलाएं इन्फैंट्री, आर्टिलरी और आर्मर्ड कोर जैसे फील्ड ऑपरेशन में भी शामिल हो सकती हैं।

 

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