इसरो के चेयरमैन डॉक्टर एस सोमनाथ ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि देश में अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में करीब 250 स्टार्ट-अप हैं जो कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के ऊपर खर्च किए गए हर एक रुपये पर भारत को 2.52 रुपये मिले हैं।
आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 15 साल के अंतरिक्ष के विज़न के लिए इसरो को 31 हजार करोड़ की फंडिंग दी है। इससे भारत के स्पेस सेक्टर को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथन ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह वर्ष हमारे लिए बहुत शानदार रहा है, क्योंकि हमने जो मिशन पूरे किए हैं, तथा प्रधानमंत्री के विजन के आधार पर हमने अपने लिए जो भविष्य का रोडमैप तय किया है, उसकी दृष्टि से भी यह वर्ष हमारे लिए बहुत शानदार रहा है। ऐसा पहली बार है कि स्पेस प्रोग्राम के इतिहास में हमने अगले 25 वर्षों के लिए एक दृष्टिकोण की घोषणा की है।'
2035 तक बनेगा अंतरिक्ष स्टेशन
सोमनाथन ने कहा, 'इस योजना के तहत भारत साल 2035 तक खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है। उसके पहले 2028 तक एक स्पेस स्टेशन मॉड्यूल बनाया जाएगा। यह स्पेस स्टेशन 2040 तक चांद पर भारतीय एस्ट्रोनॉट को भेजने का मिशन पूरा करेगा।'
'जब हम अपना आजादी का सौवां साल मना रहे होंगे तो हमारा एक व्यक्ति चांद पर जाएगा, एक झंडा लगाएगा और वापस लौट के आए'
चंद्रयान-4 की तैयारी
इसरो के चेयरमैन ने कहा, 'उसके पहले चंद्रयान-4 समेत कई मिशन पूरे किए जा चुके होंगे, जो कि एक चांद से वापस आने का एक सैंपल मिशन होगा। इसकी पहले से ही स्वीकृति मिल चुकी है।'
ह्यूमन स्पेस प्लाइट और लूनर मिशन को सपोर्ट करने वाले फिर से प्रयोग किए जा सकने योग्य, हरित और मॉड्युलर रॉकेट को पहले से ही क्लियरेंस मिल चुकी है।
शुक्र ग्रह पर स्पेश मिशन को मिल चुकी क्लियरेंस
उन्होंने कहा कि स्पेस प्रोग्राम के फायदे साइंटिफिक अचीवमेंट से कहीं ज्यादा हैं। सोमनाथ ने बताया कि शुक्र पर भी एक स्पेस मिशन को क्लियरेंस मिल चुकी है।
मानव अंतरिक्ष उड़ान और चंद्र मिशनों का समर्थन करने में सक्षम एक पुन: प्रयोज्य, हरित और मॉड्यूलर रॉकेट के विकास को मंजूरी दे दी गई है। यह भविष्य के लिए तैयार प्रक्षेपण यान भारत की विस्तारित पेलोड आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।