• KOLKATA 11 Mar 2025, (अपडेटेड 11 Mar 2025, 8:57 AM IST)
कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी में दीवारों पर आजाद कश्मीर और फ्री फिलिस्तीन के नारे लिखे गए हैं। क्या है बवाल की पूरी कहानी, पढ़ें।
जादवपुर विश्वविद्यालय में आजाद कश्मीर के पोस्टर। (Photo Credit: X/Dilip Gosh)
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का जादवपुवर विश्वविद्यालय सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय परिसर की दीवारों पर आजाद कश्मीर और फ्री फिलिस्तीन के नारे लिखे गए हैं। विश्वविद्यालय में ऐसी तस्वीरों को देखने के बाद हंगामा मच गया। दक्षिमपंथी गुट के छात्रों ने हंगामा किया और मांग की है कि ऐसी देश विरोधी गतिविधियां यहां न देखने को मिलें।
पूरे कैंपस में सादे वर्दी में पुलिसकर्मियों की तैनाती है। तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ छात्र आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि देश विरोधी तत्वों को सरकार बढ़ावा दे रही है। हंगामे के बीच जादवपुर विश्वविद्यालय में परीक्षाएं भी चल रही हैं।
जादवपुर विश्वविद्यालय में पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 1 मार्च को वामपंथी विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के काफिले से दो छात्रों को टक्कर लग गई थी। छात्रों ने इसे लेकर हंगामा किया था।
क्यों विश्वविद्यालय कैंपस में हो रहा हंगामा? जादवपुर विश्वविद्यालय के गेट नंबर 3 के पास एक दीवार पर काले रंग से 'आजाद कश्मीर' और 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लिखे गए थे। नारे किसने लिखे थे, किस संगठन ने लिखे थे, यह अभी तक साफ नहीं हो सका है। दीवारों पर आजाद कश्मीर और फ्री फिलिस्तीन के नारे लगे हैं।
फिलिस्तीन को लेकर देश के लोगों का रुख अलग-अलग है। एक वर्ग फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा रहता है, एक वर्ग इजरायल के साथ। आपत्ति फिलिस्तीन पर नहीं, कश्मीर की आजादी पर है। दक्षिणपंथी छात्रों का कहना है कि कैंपस में देशविरोधी अलगाववादियों को पनाह दी जा रही है।
दिलीप घोष का ट्वीट।
BJP ने क्या कहा है? भारतीय जनता पार्टी ने इन पोस्टरों को लेकर आपत्ति जताई है। बीजेपी नेता दिलीप घोष ने लिखा, 'यह पोस्टर कश्मीर का नहीं है; यह जादवपुर विश्वविद्यालय की दीवारों पर लगा पोस्टर है। वर्षों से इन माओवादी, अलगाववादी वामपंथी छात्रों को सरकारी धन और समर्थन से पाला-पोसा गया है। ऐसी अलगाववादी गतिविधियों के कारण, पूरे देश में बंगालियों को नकारात्मक रूप से देखा जा रहा है।'
जादवपुर विश्वविद्यालय में तृणमूल छात्र परिषद के अध्यक्ष किशलय रॉय ने कहा, 'कुछ अति वामपंथी छात्र संगठन इसके पीछे हैं और अगर कोई कैंपस के अंदर जाए तो उसे दीवारों पर इस तरह के और भी नारे लिखे मिल सकते हैं।'
SFI ने क्या कहा है?
SFI नेता अभिनबा बसु ने कहा, 'हम अलगाववादी विचारों का समर्थन नहीं करते हैं, हालांकि हम भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के दमन के खिलाफ हैं। हम फिलिस्तीन के साथ हैं, हमारी पार्टी का रुख साफ है।'