logo

ट्रेंडिंग:

C-130, चिनूक तैनात, जम्मू-कश्मीर से हिमाचल तक बाढ़-बारिश ने मचाई तबाही

जम्मू और कश्मीर में आई भीषण बाढ़ से निपटने के लिए 5 Mi-17 और चिनूक विमानों को तैनात किया गया है। पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश और कश्मीर तक सेना की नजर है

Jammu Flood

बाढ़ में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते भारतीय सेना के जवान। (Photo Credit: PTI)

बाढ़ और बारिश की वजह से देश के कई राज्यों में आम जनजीवन ठप है। कुछ हिस्सों में भीषण तबाही मची है, कहीं सड़कें उखड़ गई हैं, कहीं अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक हैं। बाढ़ और बारिश की वजह से मची तबाही के बाद सेना तक को उतारना पड़ा है। जम्मू और उत्तरी पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से भारतीय वायुसेना बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चला रही है। 

वायुसेना के पांच Mi-17 हेलीकॉप्टर और एक चिनूक हेलीकॉप्टर को बचाव कार्यों लगे हैं। अतिरिक्त हेलीकॉप्टरों को भी तैयार किया गया है। जम्मू में एक C-130 विमान राहत सामग्री और NDRF टीम राहत सामग्री पहुंचा रहा है। अखनूर इलाके में बुधवार 12 सैनिक और 11 BSF जवान फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया है। 

यह भी पढ़ें: बारिश ने तोड़ा 115 साल का रिकॉर्ड, 41 की मौत; कैसे हैं J&K के हालात?

हवा में मंडरा रहे हेलीकॉप्टर

पंजाब के पठानकोट में IAF हेलीकॉप्टरों ने 40 से अधिक फंसे लोगों को बचाया और 750 किलो से ज्यादा राहत सामग्री पहुंचाई। पठानकोट के डिप्टी कमिश्नर आदित्य उप्पल ने बताया कि मधोपुर हेडवर्क्स में बांध का गेट टूटने से 50 कर्मचारी फंस गए थे, जिन्हें IAF ने सुरक्षित निकाला। डेरा बाबा नानक में 38 सैनिक और 10 BSF के जवान फंसे थे, जिन्हें बाहर निकाला गया।  वायुसेना ने कहा है कि उन्नत उपकरणों और कुशल जवानों की मदद से खराब मौसम में भी तेजी से बचाव और राहत का काम जारी है।

वायुसेना लोगों तक राहत सामग्री पहुंचा रही है।  (Photo Credit: PTI)

 

वैष्णव देवी यात्रा रूट पर 30 से ज्यादा मौतें 

जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के पास अर्धकुमारी में बुधवार को भारी बारिश के बीच हुए भीषण भूस्खलन में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई। कई अन्य घायल हो गए। बचाव दल मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं, क्योंकि आशंका है कि अभी और लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।  

 

यह भी पढ़ें1000 लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, पाकिस्तान में निशाने पर क्यों हिंदू?

हिमाचल का हाल क्या है?

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है। हिमाचल SDMA के अनुसार, 20 जून से अब तक 310 लोगों की मौत हुई। 158 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं की वजह से हुई हैं। कहीं लोग भूस्खलन में मरे, कहीं बाढ़ और बिजली गिरने से। कई लोग करंट लगने से भी खत्म हुए हैं। 152 लोग सड़क हादसों में मारे गए।

कहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं?

  • मंडी: 29
  • कांगड़ा: 30
  • चंबा: 14
  • किन्नौर: 14
  • कुल्लू: 13

सड़क हादसों में कितनीं मौतें हुईं? 

  • चंबा: 22
  • मंडी: 22
  • कांगड़ा: 19
  • सोलन: 16
  • शिमला: 15
  • बिलासपुर: 7
  • किन्नौर: 14
  • कुल्लू: 13

हिमाचल को नुकसान कितना हुआ है?

SDMA के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को 2.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सड़कों को 1.31 लाख करोड़, जल आपूर्ति और सिंचाई को 87,226 करोड़ और बिजली ढांचे को 13,946 करोड़ का नुकसान हुआ। निजी संपत्तियों में 324 घर पूरी तरह तबाह हो गए, 396 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं और हजारों दुकानें खत्म हो गई हैं। 1,846 पशु और 25,755 मुर्गियां मरीं। 670 सड़कें बंद हैं, जिनमें तीन नेशल हाइवे शामिल हैं। 1,413 बिजली ट्रांसफार्मर और 420 वाटर सप्लाई प्लांट ठप हैं।  

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap